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दिवराला सती प्रकरण के फैसले के लिए और करना होगा इंतजार…सुनवाई टली

राजस्थान का ऐसा मामला जो पूरे विश्व में चर्चित रहे दिवराला सती प्रकरण की सुनवाई टल गई। माना जा रहा था कि आज मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है लेकिन आज कोर्ट में एक नया प्रार्थना पत्र पेश किया गया जिसके बाद अब इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होगी। इसके लिए 11 सितंबर की तारीख तय की गई है। यह था मामला

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दिवराला सती प्रकरण के फैसले के लिए और करना होगा इंतजार...सुनवाई टली

दिवराला सती प्रकरण के फैसले के लिए और करना होगा इंतजार...सुनवाई टली

जयपुर।


राजस्थान का ऐसा मामला जो पूरे विश्व में चर्चित रहे दिवराला सती प्रकरण की सुनवाई टल गई। माना जा रहा था कि आज मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है लेकिन आज कोर्ट में एक नया प्रार्थना पत्र पेश किया गया जिसके बाद अब इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होगी। इसके लिए 11 सितंबर की तारीख तय की गई है।

यह था मामला

जयपुर की रहने वाली 18 साल की रूपकंवर की शादी दिवराला के मालसिंह शेखावत के साथ हुई थी। मालसिंह की उम्र भी करीबन 24 साल थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही मालसिंह गंभीर रूप से बीमार हुआ और उसकी मौत हो गई। लोगों को कहना है कि पति के निधन के बाद रूपकंवर ने सती होने की इच्छा जताई हालांकि पुलिस जांच में यह बात सही नहीं निकली। जो भी हो 4 सितंबर 1987 को रूपकंवर सती हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों, संगठनों और कुछ नेताओं ने उसे सती मां का रूप दिया और उसकी याद में मंदिर बनाने शुरू कर दिए।


कोर्ट में यह होगा

मामले में कुल 39 लोगों को सती निरोधन कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। इन पर सती का महिमा मंडन करने का आरोप था। इन आरोपियों में से राजेंद्र राठौड़, प्रतापसिंह खाचरियावास सहित 11 लोगों को 2004 में बरी किया जा चुका है आज 8 आरोपियों पर फैसला आएगा। मामले में 8 आरोपी श्रवण सिंह, महेंद्र सिंह, निहाल सिंह, जितेंद्र सिंह, उदय सिंह, नारायण सिंह, भंवर सिंह व दशरथ सिंह की बहस पिछले दिनों पूरी हुई थी। हैं। इन सभी पर सती निवारण अधिनियम के तहत दिवराला सती की घटना के दौरान उसका महिमामंडन करने का आरोप है।

कुल 29 मामले

आजादी के बाद राजस्थान में सती के 29 केस मामले सामने आए थे। जिसमें 1987 में रूपकंवर का आखिरी मामला था। इस मामले के बाद राज्य सरकार ने सख्ती दिखाना शुरू किया। राज्य सरकार की भारी बदनामी भी हुई थी।इसी के बाद मामले की जल्द सुनवाई के लिए जयपुर में सती निवारण केसों की विशेष कोर्ट बनी।