जयपुर

Operation Sindoor: मदन राठौड़ की विपक्ष को नसीहत, प्रश्न करना अधिकार है, लेकिन आलोचना करना सही नहीं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मदन राठौड़ ने कहा कि देश के शीर्ष नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान ने घुटने टेकते हुए चर्चा के लिए समय मांगा और हमारे नेतृत्व ने चर्चा के लिए समय दिया है। इसमें किसी की भी मध्यस्ता नहीं की गई।

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May 12, 2025

राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मदन राठौड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य आतंकवाद को समाप्त करना बताते हुए कहा है कि ऐसे में विपक्ष को धैर्य रखने की भी जरूरत है। राठौड़ ने सोमवार को जयपुर मीडिया से बातचीत में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर किए गए सवालों के जवाब में यह बात कही।

सेना की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ

उन्होंने कहा कि प्रश्न करना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन आलोचना करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की कुटनीतियों को उजागर किया जाए, यह भी जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के विरोध में मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवादियों को सबक सिखाने के साथ उनके प्रशिक्षण केंद्रों को ध्वस्त करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकवादियों को बनाने वालों को भी नेस्तनाबूद कर दिया गया। भारतीय सेना की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, इसी के चलते ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया और अभी भी जारी है।

पाकिस्तान ने टेके घुटने

राठौड़ ने कहा कि देश के शीर्ष नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान ने घुटने टेकते हुए चर्चा के लिए समय मांगा और हमारे नेतृत्व ने चर्चा के लिए समय दिया है। इसमें किसी की भी मध्यस्ता नहीं की गई। भारत का मकसद आ​तंकवादियों को सबक सिखाने का था और अपने मकसद में भारतीय सेना शत प्रतिशत सफल हुई। हालात यह हो गए कि जो बच गए, वो भी मौत मांग रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारतीय सेना ने आतंकवादी, आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्र और आतंकवादियों को पनाह देने वालों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया है।

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100 से ज्यादा आतंकी मारे

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत करीब सौ से अधिक आतंकवादियों को मारा गया है। राठौड़ ने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता नहीं है, ऐसे में भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर जारी है। उन्होंने कंवरलाल मीणा की विधायकी के सवाल पर कहा कि कितने आश्यर्च की बात है कि कांग्रेस कंवरलाल मीणा की विधायकी पर सवाल कर रही है, जबकि एक विधायक 20 लाख रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है और कांग्रेस पार्टी का एक भी नेता इस पर कुछ भी नहीं बोलता। क्या यह कांग्रेस का आपसी समझौता है, या मिलीभगत है या फिर बीएपी पार्टी से उनकी आपसी दोस्ती के चलते चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेस को यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए।

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