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चांद पर 2030 तक बसेंगे इंसान, रोवर्स करेंगे काम में मदद

जय विज्ञान : चंद्रमा के माहौल में ढल जाएंगे वैज्ञानिक, लंबे समय तक वहीं रहेंगेआर्टेमिस-1 मिशन की कामयाबी से अंतरिक्ष में खुलेंगे नए रास्ते

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जयपुर

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Aryan Sharma

Nov 22, 2022

चांद पर 2030 तक बसेंगे इंसान, रोवर्स करेंगे काम में मदद

चांद पर 2030 तक बसेंगे इंसान, रोवर्स करेंगे काम में मदद

वॉशिंगटन. इस दशक के अंत तक इंसानों को चांद पर बसाया जा सकता है। यह दावा नासा के ओरियन अंतरिक्ष यान अभियान का नेतृत्व कर रहे हॉवर्ड हू ने किया है। उनके मुताबिक इंसान 2030 से पहले चांद पर सक्रिय हो सकते हैं। वहां उनके रहने के लिए बस्ती होगी और काम में सहयोग करने के लिए रोवर्स होंगे। उन्होंने कहा कि इस दशक में हम कुछ लंबे काल खंडों के लिए चांद पर रह सकते हैं, क्योंकि वहां इंसानों के रहने लायक जगह होगी।

हॉवर्ड हू का कहना है, हम चांद की जमीन पर इंसानों को भेजेंगे। वह वहां रहकर वैज्ञानिक कार्य करेंगे। वे जल्द ही वहां के वातावरण में ढल जाएंगे। उन्होंने बीबीसी को बताया कि नासा के मून मिशन के तहत आर्टेमिस रॉकेट के जरिए ओरियन स्पेसक्राफ्ट की रवानगी इंसान की अंतरिक्ष में उड़ान के लिए ऐतिहासिक है। अगर यह मिशन कामयाब हो जाता है तो आर्टेमिस 2 और 3 की उड़ानों का रास्ता साफ हो जाएगा। इनमें अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाएगा।

चांद पर परीक्षण
नासा पिछले बुधवार को आर्टेमिस-1 मिशन लॉन्च कर चुका है। बिना चालक दल वाले ओरियन स्पेसक्राफ्ट की यह पहली परीक्षण उड़ान है। ओरियन करीब 42 दिन चांद का परीक्षण करेगा। करीब 50 साल बाद नासा ने मून मिशन की शुरुआत की है। गौरतलब है कि 1972 में अपोलो-17 मिशन के बाद इंसान चांद पर नहीं पहुंचे हैं।

स्पेस स्टेशन बनाने की योजना
नासा चांद की सतह से 60 मील ऊपर ओरियन उपग्रह से विभिन्न परीक्षण करेगा। आर्टेमिस मिशन के जरिए नासा की योजना चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों के रहने के लिए स्पेस स्टेशन के निर्माण की है। वह आर्टिमिस अभियान को मंगल ग्रह पर जाने के महत्त्वकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत के तौर पर भी देख रहा है।