scriptअब तैरने वाले रोबोट करेंगे दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश | NASA is developing swimming robots to look for alien life | Patrika News
जयपुर

अब तैरने वाले रोबोट करेंगे दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश

नई अवधारणा: अबूझ पहेली सुलझाने के लिए नासा में ‘स्विम’ प्रोजेक्ट पर काम शुरू
गुरु और शनि के चंद्रमा पर भेजे जाएंगे

जयपुरJul 05, 2022 / 01:34 am

Aryan Sharma

अब तैरने वाले रोबोट करेंगे दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश

अब तैरने वाले रोबोट करेंगे दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश

वाशिंगटन. पृथ्वी के अलावा क्या ब्रह्मांड के किसी और ग्रह पर जीवन है? कई अंतरिक्ष अभियानों के बावजूद वैज्ञानिक अब तक यह पहेली नहीं सुलझा पाए हैं। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिक अब नई योजना पर काम कर रहे हैं। इसके तहत तैरने वाले छोटे-छोटे रोबोट उन ग्रहों पर भेजे जाएंगे, जहां पानी होने के संकेत मिले हैं। ये रोबोट वहां महासागरों में जीवन की तलाश करेंगे। नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी रोबोट तैयार करेगी।
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि एक दिन सेलफोन के आकार के छोटे रोबोट की सेना गुरु के चंद्रमा यूरोपा और शनि के चंद्रमा एनसेलाडस की मीलों मोटी बर्फीली परत के नीचे के पानी में विचरण कर सकेगी। यह सेना एलियन के प्रमाण की खोज करेगी। हर रोबोट को बर्फ पिघलाने वाले विशेष उपकरण के अंदर पैक किया जाएगा। यह उपकरण जमी हुई परत में सुरंग बना कर इन रोबोट को पानी में छोड़ देगा।

पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की फंडिंग…
अंतरिक्ष में तैरने वाले रोबोट भेजने की अवधारणा नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी के रोबोटिक्स मैकेनिकल इंजीनियर इथन स्केलर की है। उन्होंने इसे ‘सेंसिंग विद इंडिपेंडेंट माइक्रो स्विमर्स’ (स्विम) नाम दिया है। अवधारणा को हाल ही नासा के इनोवेटिव एडवांस कॉन्सेप्ट्स कार्यक्रम की फंडिंग के दूसरे चरण में छह लाख डॉलर (4.73 करोड़ रुपए) मिले हैं। पहले चरण में 1.25 लाख डॉलर (92.62 लाख रुपए) दिए गए थे।

आकार छोटी मछलियों जैसा
छोटी मछलियों जैसे इन रोबोट की लंबाई सिर्फ 5 इंच, जबकि आयतन 60-75 क्यूबिक सेंटीमीटर होगा। नासा का यूरोपा क्लिपर अभियान 2024 में प्रक्षेपित होगा और 2030 में गुरु के चंद्रमा पर उतरेगा। ‘स्विम’ की अवधारणा आगे के अभियानों के लिए भी मददगार साबित होगी।

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