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नेहरू प्लेस भवन हटाकर बनेगी 17 मंजिला इमारत, गोल मार्केट का भी होगा रिडवलपमेंट

मुंबई की तर्ज पर शहरों में प्राइम लोकेशन पर बनी पुराने भवन, इलाकों का Redovelopment Plan

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नेहरू प्लेस भवन हटाकर बनेगी 17 मंजिला इमारत, गोल मार्केट का भी होगा रिडवलपमेंट

नेहरू प्लेस भवन हटाकर बनेगी 17 मंजिला इमारत, गोल मार्केट का भी होगा रिडवलपमेंट

भवनेश गुप्ता
जयपुर। प्रदेश के मुख्य शहरों की प्राइम लोकेशन पर बनी पुरानी इमारतों का अब रिडवलपमेंट (पुनर्विकास) होगा। शुरुआत जयपुर शहर में टोंक रोड स्थित नेहरू प्लेस से होगी। अभी नेहरू प्लेस में भूतल सहित दो मंजिला ही निर्माण है, लेकिन अब इस इमारत को ध्वस्त कर इसकी जगह 15 से 17 मंजिला व्यावसायिक इमारत निर्माण करने की प्लानिंग की जा रही है।

यूडीएच सलाहकार जी.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में इस पर मंथन किया गया। इस बीच जेडीए को नेहरू प्लेस की मौजूदा स्थिति और रिडवपलमेंट प्लान के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए गए। सर्वे के बाद पूरी स्थिति साफ होगी। इसके पीछे शहर की प्राइम लोकेशन पर करीब 40 हजार वर्गमीटर जमीन को बेहतर तरीके से उपयोगी बनाने और उससे मोटा राजस्व जुटाने का हवाला दिया गया है। इसी तरह जवाहर नगर स्थित गोल मार्केट, रेलवे स्टेशन के पास के इलाके के रिडवलपमेंट पर भी चर्चा हुई।

अभी यह है स्थिति
अभी यहां ट्यूर एवं ट्रेवल कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी, बैंक, इंस्टीट्यूट, रेस्टोरेंट, एटीएम, निजी आॅफिस हैं। लेकिन ज्यादातर दुकान, आॅफिस या तो बंद हैं या फिर कम समय के लिए खुलते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण निर्धारित पार्किंग उपलब्ध नहीं होना भी वजह है। न तो पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था है और न ही पेयजल व अन्य आवश्यक सुविधाएं। यूडीएच अधिकारियों ने बताया कि यहां जिनकी दुकानें हैं, उन्हीं वहीं इमारत में दुकानें दी जाएंगी। निर्माण होने तक किराया देने का प्लान है।

इनका भी रिडवलपमेंट प्लांट
-कोटा का गुमानपुरा मार्केट
-जयपुर में गोपालपुरा बायपास
(प्रदेश के अन्य शहरों में भी ऐसे भवन, इलाके चिन्हित किए जा रहे हैं)

मुंबई की तर्ज पर
यह प्लान मुंबई की तर्ज पर तैयार किया गया है। मुंबई में भी सरकारी और गैर सरकारी भवनों को हटाकर रिडवलपमेंट किया जा रहा है। एक जगह तो बड़े इलाके का ही पुनर्विकास किया गया। इसमें आवासीय, व्यावसायिक दोनों तरह से विकास किया गया।

यह है रिडवलपमेंट प्लान
-शहरों में ऐसे इलाके और जमीन, जिसे और बेहतर तरीके से उपयोगी बनाया जा सके।
-इसके लिए मौजूदा भवन, इमारत को हटाकर नया निर्माण किया जाए। नया निर्माण के दौरान उस इलाके की लोगों की जरूरत, व्यावसायिक हित व अन्य जन सुविधाओं पर फोकस हो।
-इसके जरिए स्थानीय निकायों, विकास प्राधिकरण, यूआईटी को ज्यादा राजस्व कैसे मिले, इस पर भी फोकस होगा।

इनसे हुआ मंथन
बैठक में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, स्थानीय निकास विभाग के जोगाराम, जेडीसी रवि जैन, आवासन मण्डल आयुक्त पवन अरोड़ा, सलाहकार टाउन प्लानिंग एच.एस. संचेती, निदेशक (आयोजना) विनय कुमार दलेला, अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक सुभाष चन्द्र शर्मा, आर.के तुलारा सहित अन्य अफसर शामिल हुए।