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जयपुर में श्रद्धा जैसा हत्याकांड: हथौड़े से ताई की हत्या कर, इंजीनियर अनुज ने श्रद्धा हत्याकांड से सीख शव को लगाना ठिकाने

दिल्ली के श्रद्धा वॉकर हत्याकांड से सीख लेकर इंजीनियर अनुज शर्मा ने इस घटना को अंजाम दिया है। उसने ताई को हथौड़े से मारने के साथ-साथ शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर फेंकना भी सीख है। इस मामले में जब पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार किया तो इंजीनियर अनुज शर्मा ने ताई सरोज की हत्या करने के बाद भी कोई पछतावा नहीं दिखाया।

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जयपुर। दिल्ली के श्रद्धा वॉकर हत्याकांड से सीख लेकर इंजीनियर अनुज शर्मा ने इस घटना को अंजाम दिया है। उसने ताई को हथौड़े से मारने के साथ-साथ शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर फेंकना भी सीख है। इस मामले में जब पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार किया तो इंजीनियर अनुज शर्मा ने ताई सरोज की हत्या करने के बाद भी कोई पछतावा नहीं दिखाया। उल्टे वह पुलिस को धौंस में कहा कि अभी सिर्फ आरोप है, कोर्ट में साबित नहीं हुआ। अनुज के तेवर देखकर पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए, अक्सर आरोपी गिरफ्तारी से टूट जाते हैं, लेकिन हत्या कबूल करने के बाद भी अनुज का शातिर दिमाग कानूनी संरक्षण का इंतजार कर रहा है।

अनुज शर्मा उर्फ अचिंत्य गोविंद दास ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दिल्ली में हुए सनसनीखेज श्रद्धा मर्डर केस से उन्होंने शवों को ठिकाने लगाने की कला सीखी. शव को बाथरूम में रखकर मार्बल कटर से उसके 10 टुकड़े कर दिए। इसके बाद वह उसे एक बैग में भरकर दिल्ली रोड ले गया। शरीर के टुकड़े तीन अलग-अलग जगहों पर मिट्टी में दबा दिए गए थे।अनुज ने बताए रास्ते पर लाश के टुकड़े मिले पुलिस ने मार्बल कटर, बाल्टी, चाकू, कार सहित अन्य सामान बरामद किया है। सरोज शर्मा (64) पत्नी राधेश्याम शर्मा विद्याधर नगर के सेक्टर-2 स्थित लालपुरिया अपार्टमेंट में रहती थी। सरोज के देवर बद्रीप्रसाद और उनके बेटे, बेटी भी साथ रहते हैं ।

पूछताछ में अनुज ने पुलिस को बताया कि उसने ताई की हथौड़े से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वह कुछ देर तक शव के ठिकाने के बारे में सोचता रहा। इसके बाद मुझे दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस की याद आ गई। मैंने तय किया कि श्रद्धा हत्याकांड की तरह शव के टुकड़े-टुकड़े कर ठिकाने लगा दिए जाएंगे। शव को किचन से खींचकर बाथरूम में ले गए। बाथरूम को बाहर से बंद कर दिया। मेरे पूरे कपड़े खून से सन गए थे। पहले मैंने कपड़े बदले।

हत्या करने से पहले ही अनुज ने अपने बचाव का प्लान भी बनाया। उसने 11 दिसम्बर को सरोज की हत्या कर शव ठिकाने लगाने के साथ ही उस प्लान पर काम करना शुरू कर दिया। सबसे पहले सरोज की बेटी को कॉल कर कहा कि ताई गुम हो गई है। इसके बाद उसी रात 9 बजे थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। सरोज की बेटी ने जानकारी मांगी तो अनुज ने बताया कि ताई सुबह मंदिर कह कर निकली थी। बोल दिया कि कैंसर की बीमारी से वह डिप्रेशन में आ गई। पड़ोसियों ने बताया कि आरोपी ताई को ढूंढने का नाटक करता रहा। रसोई जहां हत्या हुई और बाथरूम जहां शव को दस टुकड़ों में काटा गया, उस स्थान का परिजन लगातार इस्तेमाल कर रहे थे। अनुज को छोड़ किसी को खबर नहीं थी कि यहां सरोज को लहूलुहान कर मौत के घाट उतारा गया था।

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शव को ट्रॉली बैग में डालने के लिए दस टुकड़े किए थे। घर में फावड़ा तलाशा लेकिन मिला नहीं। ऐसे में उनसे बाल्टी ली और हाईवे की ओर निकल गया। शव के टुकड़े बैग से निकालता गया और बाल्टी से जितनी खुदाई हुई उतने में ही शव के टुकड़े को दबा दिया। एफएसएल के विशेषज्ञ अभय प्रताप ने बताया कि आरोप साबित करने के लिए घटना स्थल, कार व शव के टुकड़े डालने वाले स्थान पर कई वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं।

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शव के दस टुकड़े करने के बाद आरोपी ने उसे ठिकाने लगाने की तैयारी की। शव को ट्रॉली बैग में डालने के लिए टुकड़े किए थे। घर में फावड़ा तलाशा लेकिन मिला नहीं। ऐसे में उनसे बाल्टी ली और हाईवे की ओर निकल गया। शव के टुकड़े बैग से निकालता गया और बाल्टी से जितनी खुदाई हुई उतने में ही शव के टुकड़े को दबा दिया। एफएसएल के विशेषज्ञ अभय प्रताप ने बताया कि आरोप साबित करने के लिए घटना स्थल, कार व शव के टुकड़े डालने वाले स्थान पर कई वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं।