
ऑटो कार में ज़्यादा और जटिल फीचर्स बिगाड़ रहे ड्राइविंग का मज़ा
गुणवत्ता में पिछड़ा ऑटो उद्योग
बात करें इस साल के ऑटो उद्योग के गुणवत्ता अध्ययन की तो यह 93 शिकायतें प्रति 100 वाहनों की दर से बहुत खराब रहा है। इतना ही नहीं इसमें साल 2014 के बाद जीरो सुधार हुआ है। बीते 12 महीनों में ऑटो उद्योग के ज्यादातर ब्रांड इन समस्याओं को सुधारने की बजाय और पिछड़ते चले गए। वहीं 18 ब्रांड़ जहां इस समस्याओं से निपटने में बुरी तरह फेल रहे वहीं 13 ब्रांड्स में यह समस्या और बढ़ गई। फर्म ने कहा कि इनमें ब्रेक और सस्पेंशन का शोर, इंजन स्टार्ट नहीं होना, त्वरित 'चेक इंजन' संकेत और वाहन को पेंट करने की खामियां भी शामिल हैं।
सर्वे में यह भी सामने आया की दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनियां शुरुअताी गुणवत्ता के मामले में बाकी ब्रांड़्स से बेहतर हैं। कोरियाई कंपनियां जानती हैं की अमरीकी उपभोक्ता वाहन से क्या चाहते हैं और क्या नहीं। कोरियाई ऑटोमेकर अपने वाहनों को अब भी एकल ड्राइवर तकनीक पर डिजासयन करते हैं जबकि यूरोपीय वाहन निर्माता अपने वाहनों को दर्जनों ऑटो प्रौद्योगिकी से लाद देते हैं। यह देखने में आकर्षक तो लगता है लेकिन असल में इन्हीं से समस्याएं भी खड़ी हो रही हैं।
Published on:
08 Jul 2019 06:34 pm
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