
जयपुर/बस्सी। बस्सी क्षेत्र की ऑलिव ग्रीन-टी ऑस्टे्रलिया व अन्य देशों में जाने के बाद अब यहां ऑस्ट्रेलियन कंपनियों ने नई तकनीक से सब्जियां व अन्य फसल तैयार करने के लिए करार किया है। नई तकनीक के माध्यम से बस्सी के ढिंढोल फार्म में अक्टूबर से काम भी शुरू हो जाएगा। देश में इस तरह सब्जियां तैयार करने की फैक्ट्री सर्वप्रथम यहीं पर लगाई जा रही है। फसल को पकने व काटने के लिए मौसम का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह सेमी ऑटोमेटिक मशीन होगी जिसमें बीजों की बुआई मशीनों से ही होगी। मशीनों के माध्यम से ही अलग-अलग भागों में पौधों की बढ़वार करवाई जाएगी। ऐसा ही खाद उर्वरक एवं मौसम के अनुरूप उत्पादित होने वाली सब्जियां दिखने में लगभग एक जैसी दिखाई देगी जो लंबाई आकार व वजन में समान होगी। इसमें दो से पांच मंजिला फसलों को उगाया जा सकेगा। फैक्ट्रियों में सब्जियां उगाने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है जिसका करार प्रदेश की सरकार के कृषि मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ है। इसके लिए तीन वर्ष में 13 करोड़ रुपए खर्च के लिए करार हुआ है।
विशेष पाइप आएंगे, मिट्टी का उपयोग नहीं होगा
फैक्ट्री में अलग-अलग सेक्शन बनाए जाएंगे और अलग-अलग तापमान के अलग कम्पार्टमेंट बनाए जाएंगे जिसमें तापमान, आद्र्रता व पूर्णतया वातानुकूलित इन कम्पार्टमेंट्स को बनाया जाएगा। इसके लिए विशेष पाइप ऑस्ट्रेलिया व अन्य देशों से आएंगे। इसमें मिट्टी का उपयोग नहीं होगा जिसके कारण मृदा जनित बीमारियां नहीं होंगी। वातावरण पूर्ण रूप से नियंत्रित होने के कारण बाहर के कीट व बीमारियां पौधों में नहीं लगेगी। एक प्रकार से यह आईसीयू जैसा कम्पार्टमेंट होगा। जो इन फैक्ट्रियों में लगाए जाएंगे। पाइपों के साथ बड़े-बड़े ड्रम रखे जाएंगे जहां बीज व उर्वरक डालकर फसल पैदा की जाएगी।
ये सब्जियां होंगी पैदा
इन फैक्ट्रियों में पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, धनिया, रेड्यूज, खीरा, शिमला मिर्च, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, पोपचई आदि सब्जियां उगाई जाएंगी।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश के किसानों को भी इसकी शुरुआत होते ही इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे किसान भी फैक्ट्री बनाकर कम लागत में अधिक पैदावार कर सकेंगे।
अक्टूबर में शुरू होगा काम
मई में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ग्राहम स्मिथ के नेतृत्व में एक टीम ने ढिंढोल फार्म का दौरा भी कर लिया है। कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगस्त में टेंडर जारी कर दिया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया और भारत के कृषि विशेषज्ञों की इस मामले में बैठक हो चुकी है। बैठक को अंतिम रूप भी दिया जा चुका है। इसके लिए 13 करोड़ रुपए की लागत से सहमति भी दे चुकी है। इसमें बीज की बुआई से लेकर काटने तक को लेकर सभी पहलुओं को लेकर समझौता हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया के आयरन वूड सीईईओ नवतीज बल व प्रदेश के कृषि मंत्री के बीच बैठक हो चुकी है जिसके लिए सभी मामलों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। अब इसको अमल में लाने के लिए शीघ्र कार्य शुरू किया जाएगा।
देश में सबसे पहले बस्सी के ढिंढोल फार्म से शुरुआत हो रही है जो अक्टूबर में शुरू हो जाएगी।
- योगेश वर्मा, सीईईओ, ढिंढोल फार्म बस्सी
Published on:
20 Jun 2018 06:34 pm
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