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नए संसद भवन का राजस्थान कनेक्शन है बेहद ख़ास, जानकार हर राजस्थानी को होगा फक्र

New Parliament Building Rajasthan Connection : इंतज़ार ख़त्म हो रहा है और वो पल आ रहा है जो हर भारतीय को गौरवान्वित करने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में 28 मई को नई संसद भवन देश को समर्पित करने जा रहे हैं।

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जयपुर।

इंतज़ार ख़त्म हो रहा है और वो पल आ रहा है जो हर भारतीय को गौरवान्वित करने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में 28 मई को नई संसद भवन देश को समर्पित करने जा रहे हैं। सर्वोच्च विधायी निकाय का ये नया भवन सिर्फ एक इमारत भर नहीं है, बल्कि हिन्दुस्तान के इतिहास में नई इबारत लिखने का भवन है। अब इसी नए भवन से जनहित के विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले होंगे और क़ानून बनेंगे।

केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना में बनकर तैयार इस नए भवन में पहले के संसद भवन से न सिर्फ अतिरिक्त बैठक व्यवस्था ही है, बल्कि ये कई खासियतों और सुविधाओं से लैस भी है। जानकारी के अनुसार नए भवन की लोकसभा में 888, तो राज्यसभा में 384 सांसदों के एकसाथ बैठने की व्यवस्था है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ने संसद भवन का एक वीडियो जारी किया, जिसमें इसके अंदर और बाहर की तस्वीर को खूबसूरती से दिखाया गया है। इस त्रिकोणीय आकार के डिजाइन के भवन को अंदर और बाहर, चाहे जहां से भी देखें हर इसे बस देखते ही रह जाएंगे।

नए संसद भवन में ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हमारी शक्तियों का अहसास कराएंगे। लोकतंत्र का ये नया मंदिर, रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है, जो अब देश को समर्पित होने जा रहा है। लेकिन इन सब के बीच नए संसद भवन के निर्माण में राजस्थान का एक बेहद ख़ास कनेक्शन सामने आया है।

दरअसल, नए संसद भवन में राजस्थान का संगमरमर और ख़ास तरह के पत्थर का इस्तेमाल हुआ है। गौरतलब है कि प्रदेश का संगमरमर ना सिर्फ हिन्दुस्तान में बल्कि दुनियाभर में अपनी ख़ास पहचान रखता है। इसी तरह से राजस्थान के अन्य पत्थरों की भी विशेष पहचान है।

नए संसद भवन में कुछ इस तरह से झलकेगा राजस्थान

- राजस्थान के सरमथुरा का सैंडस्टोन (लाल और सफेद) का इस्तेमाल हुआ है

- राजस्थान के राजनगर और नोएडा से स्टोन जाली वर्क्स से मंगवाए गए

- उदयपुर से केसरिया ग्रीन स्टोन मंगवाया गया

- कुछ निर्माण सामग्री जैसलमेर से भी मंगवाई गई

- राजस्थान के अंबाजी से अंबाजी सफेद संगमरमर खरीदा गया

- कुछ पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से भी मंगवाए गए

- पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से करवाया गया

- अशोक प्रतीक जयपुर से लाए गए

इसके अलावा ये 'नायाब' चीजें भी ली गई काम में

- संसद में लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगवाया गया है

- फ्लोर पर लगाई गई बांस की लकड़ी अगरतला से मंगवाई गई है

- फ्लोर पर लगाई गई कालीन यूपी के मिर्जापुर की है

- सागौन की लकड़ी नागपुर लाई गई है।

- अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लाए गए।

- कुछ फर्नीचर मुंबई से भी लाया गया है।

- एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी से लाया गया

- एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन व दीव से ली गई

- फ्लाई ऐश ब्रिक्स को NCR, हरियाणा और यूपी से मंगवाया गया

- ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच अहमदाबाद से लाया गया


नई संसद में आधुनिक भारत झलक


नई संसद की इमारत में भारत के आधुनिक बनने तक के सफर की झलक भी देखने को मिलेगी। इसमें देश के हर हिस्से की मूर्तियां और आर्ट वर्क देखने को मिलेगी। इस इमारत में देश में पूजे जाने वाले जानवरों की झलकियां भी दिखाई देगी। इनमें गज, गरुड़, अश्व और मगर सहित कई जानवर शामिल हैं।

भव्य संविधान हॉल, लाउंज, लाइब्रेरी

लोकतंत्र के मंदिर के भवन में तीन द्वार बनाए गए हैं। इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। इस भवन एक भव्य संविधान हॉल, एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल और पार्किंग की जगह भी होगी।