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वित्त विभाग की पेंशन रिवीजन की नई टेबल बनी परेशानी

एक जनल्वरी 2006 से पहले रिटायर हुए अधिकारियों को नहीं मिल रहा पेंशन रिवीजन का लाभरिटायर शिक्षक, उप प्राचार्य, स्नातक प्राचार्य, पुस्तकालयाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक हुए लाभ से वंचित

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जयपुर

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Rakhi Hajela

Jul 07, 2021



जयपुर, 7 जुलाई
वित्त विभाग ने सातवें वेतन पेंशन रिवीजन की टेबल जारी तो जारी कर दी लेकिन यह नई टेबल कई अधिकारियों के लिए परेशानी बन गई क्योंकि इस टेबल में एक जनवरी 2006 से पूर्व सेवानिवृत्त हुए कई अधिकारियों पेंशन रिवीजन में किसी प्रकार का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा। इन अधिकारियों में एक जनवरी 2006 से पूर्व राजकीय महाविद्यालयों के रिटायर शिक्षक, उप प्राचार्य, स्नातक प्राचार्य, पुस्तकालयाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक आदि शामिल हैं। ऐसे में अब राजस्थान लाइब्रेरी एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मानव संसाधन मंत्रालय उच्च शिक्षा की ओर से जारी की गई टेबल के अनुरूप पेंशन रिवीजन के आदेश वित्त विभाग से जारी करवाए जाने की मांग की है।
50 फीसदी राशि यूजीसी करती है वहन
एसोसिएशन के महासचिव ताराचंद चौधरी ने बताया कि मानव संसाधन मंत्रालय उच्च शिक्षा की ओर से 9 जून 2020 को संशोधित टेबल 01-06 जारी की गई है। सरकार की ओर से समय समय पर यूजीसी की ओर से जारी वेतनमान संशोधित करते हुए दिए गए हैं। इन वेतनमान श्रृंखलाओं में यूजीसी वेतनमान वरिष्ठ चयनित वेतनमान और पे बैंड 4 वेतनमान स्वीकृति किए गए हं। इसी प्रकार यूजीसी की ओर से अनुशंसित सातवें वेतनमान पेंशन पुनरीक्षण नियमों में भी एक जनवरी 2006 से पूर्व रिटायर अधिकारियों के पेंशन निर्धारण के लिए पे बैंड 4 के संगत एकेडमिक लेवल 13 ए का लाभ देने का प्रावधान रखते हुए ऐसे शिक्षकों जिन्होंने सेवानिवृत्ति तिथि तक चयनित वेतनमान में तीन साल की सेवा पूर्ण कर ली थी और उप प्राचार्यों की एक जनवरी 2006 की पेंशन एएल, 13 ए के एंटी लेवल 131400 के अनुसार नियत करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में यूजीसी की ओर से भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्नातक महाविद्यालय प्राचार्य पद से रिटायर होने वाले शिक्षकों की पेंशन एकेडमिक लेवल 14 के एंट्री स्थान पर 144200 रुपए की पुनरीक्षित करने का प्रावधान है। राज्य सरकार के पेंशन विभाग की ओर से सातवें वेतनमान में राजकीय महाविद्यालयों से एक जनवरी 2006 से पूर्व सेवानिवृत्त इन अधिकारियों की पेंशन पुनरीक्षण यूजीसी की ओर से अनुशंसित पेंशन नियमों से नहीं की गई है। इन पेंशन पुनरीक्षण नियमों में एकेडमिक लेवल 13 ए और स्नातक प्राचार्यों की एकेडमिक लेवल 14 के स्थान पर 12 में पुनरीक्षित की गई है जो कि पदों के साथ वेतनमान की संरचना के विपरित है। इन अधिकारियों को दी जाने वाली राशि का 50 फीसदी यूजीसी वहन करती है। इतना ही नहीं सरकार की ओर से भी समय समय पर यूजीसी के वेतनमान दिए गए हैं ऐसे में सरकार को मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी टेबल के मुताबिक पेंशन रिवीजन के आदेश जारी करने चाहिए।