
देवेंद्र सिंह राठौड़
अब इंसान अकेले नहीं, उनके पालतू डॉग्स भी साथ में हवाई यात्रा का आनंद ले रहे हैं। हाल ही यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, जहां कुछ डॉग्स बिजनेस क्लास में आराम से सफर कर रहे हैं, तो कुछ को विंडो सीट पर बैठकर बादलों का दृश्य देखने का मौका मिल रहा है। देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर ऐसे दृश्य अब आम होते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। एयरलाइन कंपनियों ने पालतू डॉग्स के लिए नई सुविधाओं और नियमों को लागू किया है, जिससे डॉग लवर्स तो खुश हैं, लेकिन कुछ यात्रियों को यह बदलाव थोड़ा परेशान भी कर रहा है।
बताया जा रहा है कि जनवरी 2023 में डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइंस कंपनियों को अपनी सुविधाओं के अनुसार पेट्स पॉलिसी बनाने की छूट दी थी। इसके बाद से एयरलाइंस ने यात्रियों और डॉग लवर्स के लिए अलग-अलग नियम बनाए हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ी है। जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, फिलहाल ऐसे मामले कम देखने को मिलते हैं, लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट्स में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
एक एयरलाइन के प्रतिनिधि के अनुसार, देश में कई एयरलाइंस केवल सर्विस डॉग्स (इमोशनल सपोर्ट डॉग्स) को ही फ्लाइट की केबिन में ले जाने की अनुमति देती हैं। कुछ एयरलाइन केबिन में डॉग को ले जाने की अनुमति नहीं देती हैं।
यात्री को यात्रा से 48 से 72 घंटे पहले एयरलाइन को इसकी सूचना देनी होती है। कुछ एयरलाइंस डॉग्स के लिए प्री-बुक्ड विंडो सीट और पहले बोर्डिंग की सुविधा भी देती हैं, जबकि कुछ एयरलाइंस केवल 5 से 8 किलोग्राम तक के डॉग्स को केबिन में ले जाने की अनुमति देती हैं। बड़े डॉग्स को कार्गो सेक्शन में भेजा जाता है। कुछ एयरलाइंस ने डॉग्स के लिए अलग से केबिन या कार्गो स्पेस का भी प्रावधान किया है।
जानकारों का कहना है कि कई डॉग्स को हवाई सफर के दौरान घबराहट हो सकती है। ऐसे में कुछ लोग डॉग्स को ट्रेनिंग दिलाते हैं, तो कुछ डॉक्टर की सलाह लेकर हल्की दवा भी देते हैं, जिससे वे शांत रह सकें और दूसरे यात्रियों को परेशानी न हो।
हेल्थ और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जरूरी
सफर से पहले डॉग का हेल्थ और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है, जो 72 घंटे से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए। डॉग की उम्र कम से कम तीन महीने होनी चाहिए। डॉग ले जाने के लिए एयरलाइंस कंपनियां अपने हिसाब से अलग-अलग चार्ज वसूलती हैं, जो उनके वजन और फ्लाइट रूट पर निर्भर करता है।
पड़ताल में सामने आया कि अमरीका और यूरोप में कई एयरलाइंस कंपनियां पेट-फ्रेंडली फ्लाइट्स चला रही हैं, जहां डॉग्स के लिए विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। इन फ्लाइट्स में डॉग्स आराम से सीट पर बैठ सकते हैं, उन्हें स्पेशल स्नैक्स और ड्रिंक्स सर्व किए जाते हैं, और कुछ फ्लाइट्स में तो उनके लिए खास प्ले एरिया भी उपलब्ध होता है।
जयपुर निवासी गजराज भंडारी ने कतर एयरवेज की फ्लाइट से सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) से दोहा (कतर) की यात्रा का अनोखा अनुभव साझा किया। भंडारी ने बताया कि 27 फरवरी को करीब साढ़े पंद्रह घंटे की इस यात्रा में उनके बगल में एक कपल अपने पालतू श्वान के साथ सफर कर रहा था। पूरे सफर में कपल ने तीन बार श्वान का डायपर बदला। यात्रा के दौरान श्वान शांत रहा।
Published on:
05 Mar 2025 08:56 am
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