Rajasthan News: मुख्यमंत्री को गोली मारने की धमकी देने वाले मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस सिम से धमकी दी गई, वह चार माह पहले दौसा के श्यालावास जेल में पहुंचाई गई थी। चार माह में इस सिम से कैदियों ने करीब आठ हजार कॉल किए। यह कॉल डिटेल देखते ही सुरक्षा एजेंसियों के साथ जेल प्रशासन पड़ताल में जुट गया है। अभी दस और मोबाइल व सिम की जांच होना बाकी है, जो इस घटना के बाद जेल की तलाशी में मिले थे।
उल्लेखनीय है कि धमकी नीमा नाम के बंदी ने दी थी। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बंदी ने जेलर को सबक सिखाने के लिए धमकी दी थी। नीमा कुछ माह पहले तक जयपुर जेल में कैद था। यहां छह माह पहले एक बंदी ने इसी तरह पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल कर मुख्यमंत्री को धमकी दी थी। इसके बाद जेल अधीक्षक को हटाया गया था। उस मामले की तरह ही नीमा दौसा की श्यालावास जेल के जेलर कैलाश दरोगा पर कार्रवाई कराना चाह रहा था।
कुछ दिन पहले नीमा अपनी भुगती हुई सजा की जानकारी लेने जेलर के पास गया था। उसे जानकारी नहीं मिली। बार-बार जानकारी मांगी तो जेलकर्मियों से भी झगड़ा हो गया था। जेलर कैलाश दरोगा ने भी उसे छिटक दिया था। तभी से नीमा ने जेलर को सबक सिखाने की ठान ली थी। उसने साथी बंदियों से यह तक कह दिया था कि मैं इसे पेंशन नहीं लेने दूंगा। कैलाश का 31 जुलाई को ही रिटायरमेंट है। उससे पहले सरकार ने उसे रविवार को निलम्बित कर दिया। अब उन्हें विभागीय जांच का सामना करना होगा। सरकार ने कैलाश के साथ कारापाल बिहारीलाल व मुख्य प्रहरी अवधेश कुमार को भी निलम्बित किया था।
धमकी के इस मामले में दौसा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाए नीमा छिरींग तमांग व छोटी दौसा निवासी रिंकू को विधायकपुरी थानाधिकारी शेषकरण चारण ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। वहां से दोनों को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। नीमा पोक्सो मामले में वर्ष 2016 से जेल में है। धमकी वाले मामले में जेल में सिम पहुंचाने वाले राजेन्द्र को दौसा पुलिस ने सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। यह सिम दो माह से नीमा के पास ही था।
Updated on:
31 Jul 2024 12:11 pm
Published on:
31 Jul 2024 09:57 am