पहले लगता था पुओं का भोग
पहले जहां पकौड़ी के साथ लापसी और पुओं का भोग लगाया जाता था, परंतु समय के साथ इसमें बदलाव भी देखने को मिलने लगे। अब पौष बड़े के आयोजन में विशेषकर दाल, बेसन से बनी पकौड़ी और सूजी या फिर मूंग और गाजर से बना हलवा तैयार कराया जाता है। पकवान बनने के बाद भगवान का भोग लगाया जाता है। जगह-जगह आयोजन के लिए व्यापार मंडलों और लोगों ने आपस में चंदा जुटाना शुरू कर दिया है। मानसरोवर, पत्रकार कॉलोनी, मालवीय नगर, दिल्ली रोड, परकोटे सहित कई अन्य स्थानों पर बड़े स्तर पर यह आयोजन होंगे।
हर मंगलवार, शनिवार को लगेगा भोग
खोले के हनुमान मंदिर में पूरे पौष के माह बड़े और हलवे का भोग भगवान को लगेगा। मंगलवार, शनिवार को सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक दोना प्रसादी भक्तों को वितरित की जाएगी। नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि तकरीबन दोनों दिन 40000-50000 दोना प्रसादी भक्तों को वितरित होगी।
खोले के हनुमान मंदिर में पूरे पौष के माह बड़े और हलवे का भोग भगवान को लगेगा। मंगलवार, शनिवार को सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक दोना प्रसादी भक्तों को वितरित की जाएगी। नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि तकरीबन दोनों दिन 40000-50000 दोना प्रसादी भक्तों को वितरित होगी।