एमबी अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित हुई व्यवस्थाओं के बीच शनिवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के पांच छात्रों ने मरीजों की जान बचाने का ऎसा जज्बा दिखाया जो एक अनुकरणीय मिसाल बन गया।
डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले इन छात्रों ने देखा कि कुछ मरीजों के परिजन रक्त के लिए गिड़गिड़ाकर पैर पकड़ रहे हैं। इस पर छात्रों का मन ऎसा द्रवित हुआ कि उन्होंने तत्काल खुद रक्तदान करने के साथ ही सोशल मीडिया पर रक्त की जरूरत होने के मैसेज डालने के साथ ही अपने सहपाठियों से सम्पर्क किया।
देखते ही देखते छात्र जुटे और 177 यूनिट खून एकत्र हो गया। जरूरतमंद मरीजों को खून चढ़ाया गया, तो उनके लिए वे मेडिकल की डिग्री लेने से पहले ही बहुत बड़े डॉक्टर हो गए। अब तक पूरे राज्य की मेडिकल कॉलेजों के इतिहास में एक ही दिन में इतना रक्त किसी जगह एकत्र नहीं हुआ।
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Udaipur Juniors Doctors Strike" title="Udaipur Juniors Doctors Strike" src="http://images.patrika.com/mediafiles/2015/12/13/Untitled1-1449950529.jpg" align="left" border="0">
मुहिम में सफल हुए छात्र विकास शर्मा, अमित चौधरी, किशन शर्मा, विकास शर्मा व मानव चंदानी मेडिकल कॉलेज में 2014 बैच के थर्ड सेमेस्टर के हैं। मूलत: जयपुर के इन छात्रों का कहना है कि हर व्यक्ति संकल्प ले तो निश्चित रूप से खून की कमी से कोई नहीं मर पाएगा।उनके इस अभियान में आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. डीपी सिंह व स्टाफ का पूरा सहयोग मिला।
उसके बाद छात्रों ने गुंजन व्यास, पल्लवी शर्मा, निकिता व खुशबू सोनी के साथ मिलकर पहले हॉस्टल के सभी छात्रों को प्रेरित किया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज, पुलिस विभाग व कुछ संगठनों से सम्पर्क साधा। छात्रों को मेडिकल कॉलेज के अलावा पुलिस से भी सहयोग मिला। करीब 300 लोगों ने शनिवार को रक्तदान किया। छात्रों का कहना है कि वह इस मुहिम को जारी रखेंगे।

हर छह माह में बड़ा रक्तदान शिविर आयोजित करेंगे, ताकि किसी गरीब की मौत खून से न हो। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ.संजय प्रकाश ने बताया कि मेडिकल छात्रों की पहल सराहनीय है। इससे ब्लड बैंक में 10 से 15 दिन में पूर्ति हो सकेगी।