
बिजली कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल से जहां पूरे प्रदेश में हाय-तौबा मच गई, वहीं चार दिन बीतने के बावजूद उदयपुर जिले में बिजली व्यवस्था प्रभावित होने की सूचना तक नहीं मिली। यहां निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है। यह उदाहरण पूरे प्रदेश में विरला ही है।
बिजली कंपनियों के तकनीकी कर्मचारियों में से हड़ताल करने वाले प्रदेश के कई कर्मचारी प्रतिदिन निलंबित किए जा रहे हैं। यही नहीं कर्मचारियों के काम पर आने और हड़ताल पर जाने का क्रम भी निरंतर बना हुआ है। कई जगहों पर प्रतिदिन बिजली की आपूर्ति प्रभावित होने से आमजन की परेशान बढ़ रही है। इन सबके बीच उदयपुर जिले में बिजली को लेकर इस दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं आया।
इसलिए नहीं दिखा असर
हड़ताल का असर जिले में नहीं दिखने का कारण उन कर्मचारी संगठनों से जुड़े सदस्यों का कम होना, जो राज्य के अन्य जिलों में बहुतायत हैं। हड़ताल को समर्थन दे रहे कर्मचारी संगठनों से संबंधित कर्मचारी इस जिले में काफी कम संख्या में हैं। जिले में भामस से संबंधित कर्मचारी संगठनों के सदस्य ज्यादा हैं।
ये हैं हड़तालियों की मांगें
पे-ग्रेड की विसंगति दूर हो, डाटा एंट्री ऑपरेटर के पदनाम में परिवर्तन हो, विद्युत दुर्घटना बीमा लाभ 20 लाख रुपए किया जाए, चिकित्सा अवकाश व उपचार सुविधा बढ़ाई जाए, कर्मचारियों को बोनस लाभ पूर्व की भांति मिले, एलडीआर सुविधा तथा स्टाफिंग पैटर्न को लागू करते हुए मंत्रालयिक, तकनीकी, कर्मचारियों को सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नति दी जाए। हड़ताली कर्मचारियों को कई संगठनों की ओर से समर्थन भी मिल रहा है। इन संगठनों में से अधिकांश ने सरकार के कर्मचारियों पर लगाए जा रहे नियमों को कर्मचारी विरोधी बताते हुए इसे दमनात्मक करार दिया गया है। वहीं कर्मचारियों की रखी जा रही मांगों को उचित बताते हुए इन्हें स्वीकार करने की हिमायत भी की है।
यहां हड़ताल से कार्य प्रभावित नहीं हो रहा, यह खुशी की बात है। जिले में 550 के करीब आईटीआई होल्डर कर्मचारी हैं। उन्होंने हड़ताल पर नहीं उतरने का निर्णय किया है।
केएस सिसोदिया, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, उदयपुर
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