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यहां नहीं हैं आग बुझाने के प्रबंध, CCTV कैमरों का भी अभाव

रणथम्भौर रोड स्थित प्रदेश के एक मात्र राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय की सुरक्षा रामभरोसे है। आग बुझाने तक के प्रबंध नहीं हैं। संग्रहालय में सीसीटीवी कैमरों का भी अभाव है। संग्रहालय में तीन स्थानों पर ही कैमरे लगे है।

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sandeep srivastava

Apr 30, 2016

जिला मुख्यालय पर रणथम्भौर रोड स्थित प्रदेश के एक मात्र राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय की सुरक्षा रामभरोसे है। यहां आग बुझाने तक के प्रबंध नहीं होने से कभी भी हादसा हो सकता है।

गत दिनों दिल्ली स्थित संग्रहालय में आग की घटना के बाद भी अधिकारी यहां सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे। म्यूजियम में प्रतिदिन प्राकृतिक व वन्यजीवों से जुड़ी संग्रहित जानकारी को देखने के लिए पर्यटक व स्थानीय लोग जाते हैं, लेकिन सुरक्षा व पर्याप्त सुविधा व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानी होती है।

अवधि पार लग रहे अग्निशामक यंत्र
संग्रहालय में अवधि पार अग्निशामक यंत्र लगे हैं। वर्ष 2011 में इसके निर्माण के समय ही आग आदि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए परिसर में 12 अग्निशामक यंत्र लगाए थे। अग्निशामक यंत्रों की अवधि एक वर्ष तक होती है, लेकिन यहां 5 साल बाद भी इन्हें बदला नहीं गया है। ऐसे में ये शो-पीस बने हैं।

फायर सेफ्टी सिस्टम के लिए नहीं कर्मचारी
संग्रहालय में आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए लाखों की लागत से फायर सेफ्टी अलार्म सिस्टम आदि तो लगा रखे हैं, लेकिन आपातकाल में उनके सफल संचालन के लिए योग्य कर्मचारियों का अभाव है। सेफ्टी सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए पहले यहां 4 कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन मार्च में उनके टैण्डर खत्म होने के बाद से ही कर्मचारियों का अभाव है। अभी तक सीपीडब्लयूडी (सेंटर पब्लिक वर्क डीविजन) द्वारा कर्मचारियों के टैण्डर का नवीनीकरण नहीं किया गया है।

सीसीटीवी कैमरों का अभाव
संग्रहालय में सीसीटीवी कैमरों का भी अभाव है। संग्रहालय में तीन स्थानों पर ही कैमरे लगे है। पार्किंग, कॉरिडोर आदि कई महत्वपूर्ण जगहों पर सीटीटीवी कैमरों का अभाव है।

2007 में हुआ था शिलान्यास
संग्रहालय का शिलान्यास उप राष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी ने 23 दिसम्बर, 07 को किया था। एक मार्च, 2014 से इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।

हर माह आते हैं 12 हजार पर्यटक
संग्रहालय में हर माह औसतन करीब 12 हजार पर्यटक प्राकृतिक, वन्यजीव व वन सम्पदा के बारे में जानकारी लेने के लिए आते हैं। अक्टूबर से मार्च माह में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 15 हजार पर्यटक प्रतिमाह तक पहुंच जाता है। बारिश के दिनों में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान का गेट बंद रहने के बाद भी यहां पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। संग्रहालय भ्रमण की सुविधा पर्यटकों के लिए नि:शुल्क रखी है।

42 करोड़ का है प्रोजेक्ट
जिले में प्राकृतिक संग्रहालय निर्माण का पूरा प्रोजेक्ट करीब 42 करोड़ रुपए का है। इसमें तीन मंजिल संग्रहालय भवन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए गार्डन, पार्किंग आदि सुविधाएं भी विकसित की जाएगी। अभी तक संग्रहालय के निर्माण पर करीब 20 करोड़ रुपए खर्च किए जा चके हैं। वर्तमान में म्यूजियम की दूसरी मंजिल का कार्य चल रहा है।

इनका कहना है...
संग्रहालय पर आग आदि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए अलार्म आदि के माकूल प्रबंध हैं। कर्मचारियों की कमी के चलते सेफ्टी सिस्टम के संचालन में परेशानी हो रही है। जल्द ही टैण्डर प्रक्रिया जारी कर कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे।-मोहम्मद युनूस खान, प्रभारी व सी वैज्ञानिक , राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय, सवाईमाधोपुर

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