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स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर में कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में कृषि आयुक्तालय ने ऐसी गफलत बरती कि 54 पदों पर भर्ती ही अटक गई। आयुक्तालय ने गफलत में टीएसपी के पदों पर नॉन टीएसपी अभ्यर्थियों का चयन कर लिया। इससे पात्र टीएसपी अभ्यर्थी तो चयन सूची से वंचित हुए ही, नॉन टीएसपी के अभ्यर्थियों को भी निराश होकर लौटना पड़ा। वंचित अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
विवि में कृषि पर्यवेक्षकों के 90 पदों पर सीधी भर्ती के लिए कृषि आयुक्तालय ने 1 मार्च को परीक्षा ली थी। इसका परिणाम 2 मई को जारी किया गया था। अधिसूचना के मुताबिक इसमें 45 प्रतिशत पद अनुसूचित जनजाति व 5 प्रतिशत पद अनुसूचित जाति के स्थानीय अभ्यर्थियों से भरे जाने थे। इसके लिए विनिर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र के अभ्यर्थियों के लिए अनारक्षित 90 पदों पर चयन व नियुक्ति के लिए परीक्षा परिणाम में प्राप्तांकों की वरीयता के आधार पर चयन किया जाना था। लेकिन, आयुक्तालय ने 90 में से 54 पदों पर गफलत में उन अभ्यर्थियों का चयन कर लिया, जो टीएसपी क्षेत्र के नहीं हैं। इनमें उदयपुर, सिरोही सहित अन्य क्षेत्रों के अभ्यर्थी शामिल हैं।
साक्षात्कार से हुए वंचित
टीएसपी अभ्यर्थियों ने बताया कि चयनितों को 7 व 8 दिसम्बर को दस्तावेजों के साथ साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। टीएसपी अभ्यर्थियों को दरकिनार करने के कारण कई अभ्यर्थी साक्षात्कार से वंचित रह गए। नॉन टीएसपी के चयनित अनेक अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्हें भी भर्ती से मना कर दिया गया। अभ्यर्थी पृथ्वीराज ने बताया कि नॉन टीएसपी के अभ्यर्थी सूची में तो शामिल हो गए लेकिन मूल निवास प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण साक्षात्कार लेकर उन्हें लौटा दिया गया। आयुक्तालय की गलती के कारण अब 90 में से 54 पदों पर भर्ती अटक गई जबकि टीएसपी क्षेत्र के अनेक अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र हैं।
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