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ढाई साल से कागजों में दौड़ रहे अम्बेडकर भवन, जमीन पर एक भी नहीं

- कुल 143 भवनों में से 135 में वित्तीय मंजूरी जारी ही नहीं हुई  

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ढाई साल से कागजों में दौड़ रहे अम्बेडकर भवन, जमीन पर एक भी नहीं

सिर्फ वेब के लिए....ढाई साल से कागजों में दौड़ रहे अम्बेडकर भवन, जमीन पर एक भी नहीं

जयपुर. प्रदेश में नवगठित पंचायतों को नए कार्यालय भवन देने में लेटलतीफी के बाद अम्बेडकर भवन की बजट घोषणा को लेकर भी पंचायत राज विभाग की कछुआ चाल सामने आई है। ढाई वर्षों से इन भवनों को लेकर विभाग के अफसर कागज चलाने में तो खूब सक्रिय हैं, लेकिन अब तक का नतीजा है कि एक भी अम्बेडकर भवन बन कर जमीन पर नहीं आ पाया। वर्ष 2019 की बजट घोषणा के अनुसार विभाग को ऐसे 143 भवन बनाने हैं। नगर पालिका और नगर परिषद मुख्यालयों को छोड़ कर शेष सभी पंचायत समिति मुख्यालयों पर ये भवन बनने हैं। दो साल से अफसरों की चाल देखें तो आलम यह है कि भवन बनना तो दूर कागजों में 135 की तो वित्तीय मंजूरी तक जारी नहीं हो पाई है। इसके बाद ही मौके पर काम शुरू हो पाएगा।

अभी नौ माह और, 2022-23 तक संभव

दो साल से ज्यादा समय बीतने के बाद अभी विभाग की शुरुआती योजना में ही नौ माह का अतिरिक्त विलंब इन भवनों में होगा। खुद विभाग ने सभी जिला परिषदों को जारी हालिया निर्देशों में इसका आकलन कर लिया है। इसमें कहा है कि नवंबर में यदि मंजूरी मिलती है तो बनने में नौ माह और लगेंगे। ऐसे में 2019- 20 का यह मामला 2022-23 के वित्तीय वर्ष में पूरा होगा।

एक हजार वर्गगज का भवन

विभाग की योजना के अनुसार पंचायत समिति मुख्यालय पर यह भवन एक हजार वर्गगज क्षेत्र में होगा। यहां कमरे, शौचालयों के अलावा पुस्तकालय, वाचनालय बनाने की योजना है। प्रत्येक भवन पर 55 लाख रुपए का खर्च प्रस्तावित है। जिसमें 25 प्रतिशत राशि सरकार और शेष कन्वर्जेंस से खर्च होगी। विभाग ने राशि खर्च करने के अधिकार मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को दिए हैं।

आंकड़ों में दिखती सुस्ती

143 अंबेडकर भवन बनने हैं प्रदेश में

7 में अब तक वित्तीय स्वीकृति हुई है जारी

5 में सिर्फ काम हो पाया शुरू

0 भवन अब तक हो पाया पूरा
(दिसंबर के पहले सप्ताह तक)