जयपुर
प्रदेश में स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग की ओर से चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में हो रही कार्रवाई में नए नए खुलासे हो रहे है। विभाग की टीम की ओर से मिलावटखोरों के खिलाफ मारे गए छापों में अब तक खाद्य पदार्थ मसाले,दूध,पनीर ही नहीं बल्कि अब बोतल बंद पानी में भी मिलावट सामने आई है। कुछ दिन पहले भीलवाड़ा में ब्रिबेरी और अक्वो ब्रांड की पानी की बोतल का खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने नमूना लिया था। जो जांच में अनसेफ पाया गया है।
बोतल बंद पानी की जांच में हानिकारक प्लास्टिक के टुकड़े पाए गए। जिससे इस पानी को विभाग ने पीने योग्य नहीं माना है। इसके बाद शक्रवार को अजमेर में इसी ब्रांड की पानी की बोतल बेचने वाले मैसर्स चांडक फूड एंड बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड पर विभाग ने कार्रवाई की है। जहां पर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत 24 हजार लीटर पानी से भरी इस ब्रांड की पैकेजेड ड्रिंकिंग वाटर की 32 हजार बॉटल को सील किया है।अब इनके भी नमूनों की जांच की जाएगी।
इस कंपनी की ओर से पानी की बिक्री कई जिलों में की जा रही है। ऐसे में भीलवाड़ा में नमूना अनसेफ पाए जाने पर विभाग की टीम बंद बोतल में अलग अलग जगहों पर इस ब्रांड व अन्य ब्रांड के पानी में मिलावट की संभावना को लेकर अलर्ट हो गई है और अशुद्ध पानी बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है। जयपुर में भी कई जगह टोल नाकों पर और बस स्टैंड व रेल्वे स्टेशन के आसपास कई नामों से बोतल बंद पानी की बिक्री हो रही है।जिनकी भी जांच करने की स्वास्थ्य विभाग योजना बना रहा है।
लोकल ब्रांड भी मार्केट में
मिलते जुलते नामी ब्रांड की बोतल के साथ मार्केट में बोतल बंद पानी की बिक्री हो रही है।हम जो पानी बाजार से खरीदते हैं वह मूल रूप से दो तरह के होते हैं। एक पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और दूसरा मिनरल वाटर। पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर असल में पीने का साफ पानी है। यह पानी को प्यूरिफाई कर तैयार किया जाता है। वहीं मिनरल वाटर में खनिज तत्वों का पूरा ध्यान रखते हुए इसे प्राकृतिक स्रोतों लेकर शुद्ध कर मानकों का ध्यान रख बेचा जाता है।