
देवेन्द्र शर्मा शास्त्री
जयपुर। करोड़पति व्यवसायी ने बीडीएस छात्रा से मेलजोल बढ़ाया। घर बुलाकर बलात्कार किया ।फिर नोट दिखाकर पुलिस के पास समझौता पत्र पेश कर दिया। इतना ही नहीं समझौते के पैसे मांगने पर पुलिस ने छात्रा को ही थाने में बंद कर दिया, लेकिन अपराध के सबूत नोट के बल पर दफन नहीं होते। जयपुर शहर के महेश नगर थाना इलाके के चार वर्ष पुराने एक मामले में ऐसा ही सामने आया है। शहर का यह पहला मामला है, जिसमें न्यायालय में एफआर स्वीकृत होने के बाद वैज्ञानिक सबूतों ने आरोपी को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। आरोपी इवेंट कंपनी का मालिक राहुल तनेजा जयपुर के फेलेसिटी सालिटेयर स्वेज फार्म सर्किल का निवासी है।
यह है मामला
बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ने महेश नगर थाने में मामला दर्ज करवाया था कि राहुल तनेजा ने वर्ष 2019 में 5 दिसंबर को स्वयं की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उसे बुलाया। बाद में अपने फ्लेट पर ड्रग्स देकर उसके साथ बलात्कार किया। नशा कम होने पर तड़के साढ़े तीन बजे वह किसी तरह अपने घर पहुंची। इसके दूसरे दिन राहुल तनेजा की ओर से भी युवती के खिलाफ झूंठे केस में फंसाकर 10 लाख रुपए मांगने का मामला दर्ज करवाया गया।
पांच लाख में समझौता...पैसे मांगे तो करवाया गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस की ओर से एक समझौता पत्र के आधार पर एफआर दी गई। समझौते में आरोपी की ओर से न्यायालय में धारा 164 के बयान बदलने पर पांच लाख रुपए देने की बात कही गई है। मामले की जांच में सामने आया है कि युवती की ओर से बयान बदलने के बावजूद उसे पैसा नहीं दिया गया। पैसा मांगने पर युवती को पुलिस ने दूसरे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
नशे के इंजेक्शनों को दबाया...नहीं करवाई डीएनए जांच
बलात्कार के इस मामले में पुलिस को मौके पर आठ ट्रमोडोल हाईड्रोक्लोराइड के इंजेक्शन मिले थे। पुलिस ने पीडि़ता के कपड़े और बैडशीट को भी जब्त किया था, लेकिन इन्हें जांच के लिए एफएसएल नहीं भेजा गया। यहां तक की पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट को भी नजर अंदाज कर दिया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से चोट और बलात्कार की बात कहीं गई थी।
डीजीपी को लिखे पत्र ने खोली परतें
बलात्कार के इस मामले की परते पीडि़ता की ओर से पुलिस महानिदेशक को दिए गए परिवाद ने खोली है। मामले की फिर से जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिविल राइट्स दिनेश अग्रवाल को सौंपी गई। न्यायालय के आदेश से मामले की फिर से जांच शुरू की गई तो डीएन मिलान के साथ इंजेक् शनों में भी प्रतिबंधित नशा पाया गया।
इनका कहना है...
पीडि़ता के परिवाद पर न्यायालय से एफआर स्वीकृत होने के बाद भी जांच की गई। जांच में डीएनए मैच हो गया। वहीं इंजेक्शनों में भी नशा पाया गया है। ऐसे में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का भी मामला दर्ज किया गया है। पीडि़ता के खिलाफ दर्ज मामला झंठा पाया गया है।
दिनेश अग्रवाल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिविल राईट्स, जयपुर
डेढ़ करोड़ की गाड़ी के 16 लाख रुपए में नंबर लेकर चर्चा में आया था राहुल
इवेंट कंपनी का मालिक राहुल तनेजा वर्ष 2018 में अपनी डेढ़ करोड़ की गाड़ी के 16 लाख रुपए में वीआईपी नंबर लेकर चर्चा में आया था।
Published on:
03 Jun 2023 08:07 pm
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