
भरतपुर। गूगल से लेकर तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका गांव अटारी सुर्खियों में है। शर्मा के 12 दिसम्बर को मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही इस गांव का नाम हर किसी की जुबां पर चढ़ गया, लेकिन इस गांव के लिए रोडवेज बस नहीं चलती। आपको निजी बसों का सहारा लेना पड़ेगा।
दिन में सिर्फ तीन निजी बसें दोपहर 1.30, अपराह्न 3.15 एवं शाम 5 बजे अटारी गांव जाती हैं। प्राइवेट बस स्टैण्ड पर तो आपको परिचालक की ‘अटारी टोल्या-अटारी टोल्या...’ की गूंज सुनाई देगी, लेकिन रोडवेज बस स्टैण्ड पर यह आवाज खामोश है। प्राइवेट बस स्टैण्ड से आपको 5 बजे के बाद कोई बस नहीं मिलेगी।
इसमें भी खास बात यह है कि यह बस टोल्या होकर निकल जाती हैं। इसके बाद अटारी के लिए आधे से एक किमी तक पैदल सफर करना पड़ रहा है। अटारी गांव के रास्ते में पड़ने वाले कई गांवों के लोग रोडवेज की सुविधा से महरूम हैं। निजी बसें बांसी से गगवाना, कोठिन, बसईया, अटारी, लखनपुर व्यावली, अलीपुर एवं सायपुर तक जाती है। इसी बस में सीएम के गांव के लोग सफर करते हैं।
एक नजर में अटारी गांव
राजस्थान के सीएम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गांव अटारी नदबई तहसील में स्थित है। यहां करीब 310 परिवार रहते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अटारी गांव की जनसंख्या 1716 है, जिसमें 954 पुरुष और 762 महिलाएं हैं। अटारी में 0.6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या 285 है। गांव में राजस्थान की तुलना में साक्षरता दर अधिक है। 2011 में अटारी गांव की साक्षरता दर राजस्थान के 66.11 की तुलना में 77.01 प्रतिशत थी। यहां पुरुष साक्षरता 91.15 एवं महिला साक्षरता दर 59.53 प्रतिशत है।
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Published on:
12 Jan 2024 11:58 am
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