
स्रोत पर टैक्स कटौती यानी टीडीएस से जुड़ा नया नियम 1 जुलाई से लागू हो रहा है। इसके कारण अब लोगों को ज्यादा टीडीएस चुकाना पड़ सकता है। आम बजट में आयकर कानून में एक नई धारा 194आर जोड़ी गई है, जिसके तहत अगर किसी प्रोफेशन या बिजनेस में एक वर्ष के दौरान यदि 20,000 रुपए या इससे अधिक का पर्क्स (वेतन के अतिरिक्त प्राप्त सुविधा या लाभ) दिया जाता है, तो उस पर 10% टीडीएस देना होगा। वित्त मंत्रालय ने कहा, इस तरह की सुविधाएं अतिरिक्त लाभ के दायरे में आती हैं, चाहे ये कैश में मिली हों या किसी वस्तु के रूप में। इनपर टैक्स लगेगा।
टैक्सेशन के नियम बदल जाएंगे
इससे डॉक्टरों और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशरों के साथ कई तरह के प्रोफेशनल्स के लिए टैक्सेशन के नियम बदल जाएंगे। टीडीएस का नया नियम उन सभी सेलर्स पर लागू होगा जो बिक्री बढ़ाने के लिए अपने डीलर्स या ग्राहकों को टीवी, फ्रिज, कार, कंप्यूटर, सोने के सिक्के आदि उपहार या किसी अन्य तरह का इन्सेंटिव देते हैं। हालांकि प्रोडक्ट्स पर मिलने वाले डिस्काउंट और रीबेट (छूट) पर टैक्स नहीं लगेगा।
आइटीआर नहीं फाइल किया तो होगा घाटा
वहीं अगर आपने वित्त वर्ष 2020-21 के तहत इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) नहीं भरा है तो नॉन इनकम टैक्स फाइलर की लिस्ट में आएंगे। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
प्रमोशन में हुए खर्च पर क्लेम कर सकेंगे टैक्स डिडक्शन
सीबीडीटी के नए नियमों के मुताबिक, अब कंपनियां कर्मचारियों के प्रमोशन पर हुए खर्च के लिए टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकती हैं। एसे में प्रमोशन का खर्च संबंधित व्यक्ति-कर्मचारी के टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाएगा।
आइटीआर में करने होंगे ये खुलासे
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, डॉक्टरों को मिलने वाले मुफ्त दवा के नमूने, व्यापार या प्रोफेशन के दौरान विदेश यात्रा के टिकट जैसे पर्क्स का खुलासा आइटीआर में कहना होगा। अगर कोई डॉक्टर किसी दवा का फ्री सैंपल प्राप्त कर रहा है तो इसे पर्क्स के रूप में दिखाना होगा, भले ही फार्मा कंपनी बिक्री बढ़ाने के लिए सैंपल बांट रही हो। इसी तरह सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर अगर किसी मोबाइल या गैजेट का रिव्यू करेंगे और उसे अपने पास रख लेंगे तो उस पर टीडीएस चुकाना होगा।
Published on:
23 Jun 2022 08:32 pm
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