ED Raid: चुनावी मौसम में प्रदेश में ईडी ने कार्रवाई की झड़ी लगा रखी है। ईडी की इस सक्रियता का राज्य सरकार विरोध कर रही है। हालांकि एक ऐसा मामला है, जिसमें खुद राज्य सरकार ईडी की सिफारिश कर रही है।
जयपुर। ED Raid: चुनावी मौसम में प्रदेश में ईडी ने कार्रवाई की झड़ी लगा रखी है। ईडी की इस सक्रियता का राज्य सरकार विरोध कर रही है। हालांकि एक ऐसा मामला है, जिसमें खुद राज्य सरकार ईडी की सिफारिश कर रही है। यह बात अलग है कि ईडी ने सिफारिश को नजरअंदाज कर रखा है। मामला है संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी का। इसमें कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक ने ईडी के डायरेक्टर को तीन पत्र लिख चुके हैं। इन पत्रों में लिखा है कि ठगी करने वाली सोसायटी की सम्पत्ति की जानकारी जुटा ली गई है, लेकिन संचालक उसको खुर्दबुर्द कर रहे हैं। ऐसा करने से रोकने के लिए सोसायटी की सम्पत्ति अटैच की जानी चाहिए।
संजीवनी का मामला अन्य मामलों से अलग इसलिए है कि इसमें केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह पर आरोप लगते रहे हैं। जबकि ईडी जिन मामलों में जांच कर रही है, उन सभी में राज्य सरकार के अधिकारी या नेता आरोपों के घेरे में हैं। जल जीवन मिशन, डीओआईटी, पेपर लीक प्रकरण जैसे मामले इसमें शामिल हैं।
प्रदेश में ईडी ने सबसे पहले आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ कार्रवाई की थी। सहकारी विभाग की ओर से शुरू किए गए पोर्टल पर इस सोसायटी के खिलाफ करीब 52 हजार लोगों ने 1290 करोड़ रुपए ठगे जाने की रिपोर्ट की है। सोसायटी की सम्पत्ति ईडी ने अटैच की है, जिसे सहकारी विभाग द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट 2019 (बड्स) के तहत निलाम कर निवेशकों के नुकसान की भरपाई के प्रयास कर रहा है। आदर्श के बाद दूसरी बड़ी ठगी संजीवनी सोसायटी ने की है। पोर्टल पर इसके खिलाफ 33 हजार लोगों ने 473 करोड़ रुपए की ठगी की शिकायत की। हालांकि ईडी ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत 173 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले नवजीवन सोसायटी के खिलाफ ईडी कार्रवाई कर चुकी है। इसकी सम्पत्ति अटैच की जा चुकी है।
दो सोसायटियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के बाद पुलिस ने संजीवनी के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए लिखा। पुलिस ने ईडी को सोसायटी की सम्पत्ति की जानकारी भी दी है। हालांकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद सहकारी विभाग ने सोसायटी के खिलाफ बड्स एक्ट के तहत भी कई एफआईआर विभिन्न थानों में दर्ज कराई गई है। यह एफआईआर मात्र उन मामलों में दर्ज कराई गई है, जिसमें ठगी बड्स एक्ट के प्रभाव में आने के बाद की गई है।
बिना सम्पत्ति अटैच किए नहीं हो सकती भरपाई
ठगी करने वाले सोसायटी की सम्पत्ति अटैच नहीं होने की स्थिति में निवेशकों की भरपाई सम्भव नहीं है। ईडी ने कार्रवाई नहीं की तो अब सहकारी विभाग ने संजीवनी सोसायटी की सम्पत्ति अटैच करने की कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई बड्स एक्ट के तहत की जा रही है।