
नर्सिंगकर्मी पीएचडी करने के बाद अपने नाम से पहले डॉक्टर लगा सकता है। राज्य सरकार के एक आदेश के बाद बनी असमंजस की स्थिति को दूर करते हुए इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने कहा है कि राजस्थान सरकार के आदेश की गलत व्याख्या की जा रही है। आईएनसी के अनुसार कुछ नर्सिंग कर्मियों ने नाम के आगे डॉक्टर लगाने को लेकर राज्य सरकार को प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन उनके प्रार्थना पत्र के विषय में त्रुटि रही। जिसमें उन्होंने नाम के आगे डॉक्टर लगाने की अनुमति नहीं लिखकर नाम परिवर्तन के लिए अनुमति मांगी। जो एक अलग एवं लंबी प्रक्रिया है।
राजस्थान सेवा नियम में भी कर्मचारी के नाम में संशोधन और नाम परिवर्तन के लिए राजपत्र प्रकाशित किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी कर संशोधित परिवर्तित नाम को सेवा पुस्तिका में इंद्राज करवा सकता है। इस प्रक्रिया का नाम के आगे डॉक्टर लगाने से कोई संबंध नहीं है। यही कारण रहा कि राज्य सरकार की ओर से नर्सिंगकर्मी को अनुमति नहीं दी गई। आईएनसी का कहना है कि राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश की गलत व्याख्या की जा रही है।
वर्जन
पीएचडी डिग्री विश्वविद्यालयों की ओर से प्रदान की जाने वाली विद्या संबंधी डिग्री में सबसे ऊंची डिग्री मानी जाती है। इसे पूरा करने के बाद आपके नाम के आगे डॉक्टर की उपाधि लग जाती है। पीएचडी में व्यक्ति गहन शोध एवं विशेषज्ञता हासिल कर डिग्री अर्जित करता है। उसके बाद डॉक्टर शब्द को नाम के आगे इस्तेमाल कर सकता है। यहां इसका उद्देश्य नाम परिवर्तन करना नहीं, बल्कि नाम के आगे टाइटल लगाना होता है। नियमानुसार नाम के आगे डॉक्टर का टाइटल लगाने को लेकर राज्य सरकार या विभाग की ओर से मना नहीं है। बल्कि समय-समय पर विभाग की ओर से अनुमति प्रदान भी की गई है।
डॉ जोगेंद्र शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट, इंडियन नर्सिंग काउंसिल, प्राचार्य, राजकीय नर्सिंग कॉलेज, एसएमएस, जयपुर
Published on:
16 Feb 2024 12:38 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
