
अशोक गहलोत के खिलाफ पायलट की ये अदावत पुरानी है लेकिन इस बार उन्हें गहलोत खेमे के विधायकों का समर्थन भी मिल रहा है। कांग्रेस विधायक हरिश चौधरी ने गहलोत की नीतियों खिलाफ मोर्चा खोल दिया है उनकी मानें तो OBC आरक्षण के मामले में गहलोत सरकार की नियत ठीक नहीं है साथ उनका ये भी कहना है कि राजस्थान की आधी से ज्यादा आबादी ओबीसी वर्ग से है और इस सरकार ने उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के साथ हूं। किसी व्यक्ति के साथ नहीं हूं लेकिन मुझे इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। हरिश चौधरी से पहले विधायक मुकेश भाकर भी गहलोत सरकार को चेता चुके है
आइए आपको बताते है कि आखिर ओबीसी आरक्षण की विसंगती है क्या, दरअसल राजस्थान में ओबीसी वर्ग के पूर्व सैनिकों को दिए जाने वाले आरक्षण को ओबीसी के मूल आरक्षण में ही शामिल किया जाता है। जिसका ओबीसी वर्ग विशेषकर जाट और यादव समाज विरोध कर रहा है। इनकी मांग है कि ओबीसी वर्ग से पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरियों के साथ अन्य लाभ के मामलों में अलग से आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए। राज्य में बीसी को 21 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। लेकिन 2018 में तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने ओबीसी कोटे की भर्तियों में इस वर्ग के भूतपूर्व सैनिकों को भी शामिल कर लिया। लोगों का कहना है कि आरक्षण के कोटे का पूर्व सैनिक लाभ उठा रहे हैं और युवा इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं।
पायलट की राजनीति प्रदेश में अशोक गहलोत की मुख्य विरोधी के तौर पर जानी जाती है ऐसे में छोटे-छोटे मुद्दों पर गहलोत की घेराबंदी से पायलट को भविष्य में फायदा होगा लेकिन वर्तमान में इसका बड़ा नुकसान कांग्रेस पार्टी को उठाना होगा, हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि राजस्थान में अगले साल चुनाव है और पार्टी में गुटबाजी चुनाव जीतने के अरमानों पर पानी फेर सकती है
Updated on:
15 Nov 2022 06:38 pm
Published on:
15 Nov 2022 06:16 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
Rajasthan: फायरमैन भर्ती परीक्षा में घोटाला…फर्जी दस्तावेज से सहायक अग्निशमन अफसर बनी महिला गिरफ्तार

