
जयपुर।
राजधानी जयपुर के हरमाड़ा के राजावास में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की पाइप लाइन से तेल चुराने ( oil theft in Rajasthan ) वाला गिरोह तकनीक का जानकार है। पुलिस की मौजूदगी में पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारियों ने घटना स्थल और आस-पास के क्षेत्र में खुदाई करवाई तो सभी दंग रह गए। पाइप लाइन से तेल चुराने ( Diesel theft in Jaipur ) के बाद सीधे एक घर में बनाए गए कन्ट्रोल सेंटर में सुरंग के जरिए ले जाया गया था। यहां पर प्रेशर कन्ट्रोल करने के लिए प्रेशर कन्ट्रोल रेग्यूलेटर जमीन के अंदर ही लगाया गया था।
हालांकि गुरुवार शाम तक खुदाई में रेग्यूलेटर नहीं मिल सका था। उसके जरिए चोरी से लिए गए तेल का प्रेशर कन्ट्रोल कर डेढ़ सौ और करीब ढाई सौ मीटर दूर दो घरों में पहुंचाया जा रहा था। कन्ट्रोल रूम से इन दोनों घरों में भी जमीन से नीचे करीब पन्द्रह फीट मशीन से खुदाई कर पाइप लाइन डाली गई थी। उधर, गुरुवार को डीसीपी विकास शर्मा ने प्रेस वार्ता कर बताया कि गिरोह के पकड़े गए पांचों लोग सबसे निचले पायदान के हैं। गैंग के बड़े लोग अभी पकडऩे बाकी हैं। गैंग सरगना और निचले पायदान के बीच की कड़ी की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में चोरी के डीजल को जयपुर के चौमंू के आस-पास, सीकर, झुंझुनूं, अजमेर सहित अन्य कुछ जिलों के पेट्रोल पंपों पर सप्लाइ करना बताया है। वे 10 ड्रमों का तेल आधी रेट यानी 1.30 लाख रुपए में बेचते थे। अनुसंधान में जिस भी पेट्रोल पंप पर चोरी का तेल खरीदने की बात सामने आएगी, उसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हॉल के अंदर भरते थे टैंकर
इस भवन में तेल चोरी के लिए बड़ा हॉल बना रखा है। पूरा हॉल बड़े गेट से पैक रहता था। अंदर पर्दे लगा रखे थे ताकि टैंकर और भूमिगत पाइप लाइन नजर न आए। यहां पर कुछ दिन पहले ही एक प्रसिद्ध मंदिर से लड्डू लाकर प्रसाद चढ़ाया गया था। इसमें पहले हॉल के बीच में पाइप लाइन डाल रखी थी, लेकिन टैंकर खड़ा होने पर उसके नीचे दबने से पाइप लाइन पीछे कौने में डाल दी गई।
20 हजार लीटर रोजाना चोरी!
पुलिस ने संभावना जताई कि कन्टोल रूम और दोनों अन्य मकानों से रोजाना करीब 20 हजार लीटर तेल चोरी किया जा रहा था।
दोनों मुख्य घरों में यहां से होती थी सप्लाइ
पुलिस, स्थानीय व दिल्ली से पहुंचे पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारियों ने गुरुवार को दौरा करने के बाद बताया कि सुरंग के जरिए पाइप लाइन डालने पर पूरी एहतियातन बरती गई। किसी को शक न हो, इसके लिए सतही मिट्टी सभी जगह एक जैसी रखी गई। पेट्रोलियम कंपनी की पाइप लाइन से कन्ट्रोल रूम तक चोरी कर लाई गई पाइप लाइन के लिए मकान के अंदर से करीब पन्द्रह फीट गहरा गड्ढा कर अंदर ही अंदर सुरंग बनाई गई। ऐसी सुरंग, जिसमें आसानी से आया और जाया जा सके। इतनी ही मिट्टी निकाली गई और मिट्टी धंसे नहीं, इसके लिए तीन तरफ लकड़ी के फंटे लगाए गए।
लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखते थे
तेल चोरी के कन्ट्रोल सेंटर के सबसे नजदीक रहने वाले राजकुमार और बाबूलाल ने बताया कि तेल चुराने वाले लोग पांच साल से यहां रह रहे थे। रोजाना दिन में ड्रम रखी पिकअप निकलती थी। गैंग के लोग स्थानीय लोगों से दूरी बनाकर रखते थे। एक व्यक्ति कन्ट्रोल रूम के बाहर खड़े रहकर नजर रखता था। आसपास के लोग कभी उससे बातचीत का प्रयास करते तो वह बात किए बिना अंदर चला जाता था।
नहीं लिया पेयजल कनेक्शन
आरोपियों ने मकान में पेयजल कनक्शन के लिए एक बार लोगों से बातचीत की। लोगों ने बताया कि खुदाई कर पाइप लाइन डाल दी जाएगी। उन्होंने कनेक्शन ही नहीं लिया।
कौन है बलजीत और सरदार?
पुलिस ने बताया कि चार चालकों और कन्ट्रोल सेंटर वाले भवन मालिक को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि जयपुर में बलजीत और सरदार नामक दो व्यक्तियों के लिए यह काम करते थे। इनका काम चोरी का तेल भरने के बाद अन्य सुरक्षित स्थान पर उसे पहुंचाकर वाहन को अन्य चालक के सुपुर्द कर देना था। एक चक्कर के बदले उन्हें दोगुनी राशि और 1000 रुपए तक इनाम मिलता था। रोजाना 5-6 पिकअप डीजल भेजा जाता था। प्राय: रात को वाहन को ले जाया करते थे। बलजीत और सरदार के पकड़े जाने के बाद आगे की कड़ी खुलेगी। मोबाइल बंद कर आरोपी भाग गए हैं। मामले में सबसे पहले चौमूं में दिनेश मीणा को पकड़ा गया, जो पिकअप मालिक भी है। उसने बताया कि चोरी का डीजल रींगस स्थित एक पेट्रोल पंप पर बेचकर आया है। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। मुरलीपुरा, चौमूं और हरमाड़ा थानाधिकारियों की टीम मामले की पड़ताल कर रही है। जिन तीनों मकानों में तेल चोरी किया गया, उसके भूखंडों के मालिकों की जानकारी सोसायटी से मांगी गई है।
इन्हें किया गिरफ्तार
शिम्भू सैनी (25)-हरदेव नगर, हरमाड़ा, दिनेश मीणा (22)-लोहामंडी, हरमाड़ा, धमेन्द्र सिंह राजपूत (27)-हनुमानपुरा, हरमाड़ा, मुकेश कुमार जाट (25)-सूरजगढ़,झुंझुनंू, भवन मालिक ओमप्रकाश शर्मा (25)-राजावास, हरमाड़ा
- तीन में से एक जगह बना रखा था कन्ट्रोल सेंटर, लगा रखा था प्रेशर रेग्यूलेटर
- दूसरों के भूखंडों के नीचे से सुरंग बनाकर 2 मकानों में ले गए पाइप लाइन
- एक जगह टैंकर और दूसरी जगह ड्रमों में भरा जाता था तेल, पांच गिरफ्तार
- पड़ोसियों को बताया था, हम तो तेजाब का काम करते हैं
5 बड़े सवाल
1- पांच वर्षों से तेल चोरी हो रहा था, टैंकर-पिकअप निकल रहे थे तो पुलिस की नजर क्यों नहीं पड़ी?
2- एक जगह से तेल छोडऩे के बाद दूसरे सेंटर पर प्रेशर में अंतर आने का अलर्ट जारी क्यों नहीं किया गया?
3- चोरी की तकनीक विशेष और इंजीनियरिंग जानने वालों की है, तो क्या किसी की मिलीभगत भी है?
4- लीकेज तलाशने के लिए मशीन लेकर सिक्योरिटी गार्ड जांच करते हैं तो उनकी पकड़ में क्यों नहीं आया?
5- माप के अनुसार तेल छोड़ा जाता है लेकिन उसी मात्रा में नहीं पहुंच रहा था, तो जिम्मेदारों ने चेक क्यों नहीं किया?
Published on:
21 Jun 2019 08:51 am
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