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garena free fire जान पर भारी ऑनलाइन गेमिंग की लत, 14 साल के बच्चे ने किया सुसाइड

online gaming addiction in india एक अध्ययन के अनुसार भारत में रहने वाले बीस साल से कम उम्र के 41 प्रतिशत लोग ऑनलाइन गेम्स खेलने के आदी हैं। यह आबादी करीब 55 करोड़ है। ऐसे में ऑनलाइन गेम की लत एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर रही है।

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फ्री फायर गेम खेलने की थी लत


जयपुर। ऑनलाइन गेमिंग की लत अब बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।ब्लू व्हेल गेम के कारण कई बच्चों की जान जाने के बाद अब एक और गेम के कारण बच्चों की आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। इस गेम का नाम है फ्री फायर। बीते साल राजस्थान के नागौर में एक किशोर ने ऑनलाइन गेम के कारण अपने 12 साल के कजिन की हत्या कर दी थी। वहीं मुंबई में बीते दिनों 14 साल के एक बच्चे ने अपने घर आत्महत्या कर ली। जोन 4 के डिप्टी कमिश्नर विजय पाटिल के अनुसार जांच में पता चला है कि बच्चा ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलने का आदी था। बच्चे के पिता ने भी कहा है कि फ्री फायर गेम के कारण ही उनके बच्चे ने आत्महत्या की है, क्योंकि इसके अलावा और दूसरा कोई कारण नजर नहीं आ रहा है।

सुसाइड से पहले किया फोन

जानकारी के अनुसार मध्य मुंबई के हिंदमाता इलाके में 14 वर्षीय किशोर ने सुसाइड कर लिया। भोईवाड़ा पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या गेम में ऐसी कोई चुनौती थी, जिसे पूरा करने के फेर में किशोर ने ऐसा कदम उठा लिया। पुलिस ने बताया कि कक्षा 7 का स्टूडेंट ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलने का आदी था। इस गेम को भारत सरकार ने सोमवार को अन्य मोबाइल ऐप के साथ प्रतिबंधित कर दिया था। किशोर के पिता ने बताया कि वह पत्नी के साथ कहीं गए थे। रविवार शाम 7.22 बजे उसके बेटे का फोन आया। लेकिन वह फोन रिसीव नहीं कर पाए। जब उन्होंने कुछ मिनट बाद वापस कॉल किया, तो किशोर ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। माता-पिता अपने घर लौटे तो देखा कि कमरा अंदर से बंद था। पिता ने दरवाजे के ऊपर लगे शीशे के फ्रेम को तोड़ा और दरवाजा खोला तो पता चला कि बेटे ने सुसाइड कर लिया है। भोईवाड़ा पुलिस को सूचित किया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए केईएम अस्पताल भेजा गया। हालांकि माता-पिता और स्कूल टीचर्स के अनुसार बच्चे में गेमिंग लत जैसे लक्षण नहीं थे। वह एक होनहार स्टूडेंट था और क्रिकेट का शौकीन था। अब पुलिस उस ग्रुप के लोगों के साथ बात करने की कोशिश कर रही है, जिसके साथ बच्चा ऑनलाइन गेम खेलता था। जिससे पता चल सके कि आखिर बच्चे ने ऐसा कदम क्यों उठाया।

मध्यप्रदेश में भी सामने आया मामला

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर में सामने आया था। यहां ऑनलाइन गेम खेलने की लत ने 13 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली। 6वीं कक्षा के छात्र ने ऑनलाइन गेम में 40 हजार रुपए गंवाने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला था। जिसमें बच्चे ने अपने माता-पिता से माफी मांगी थी। सुसाइड नोट में छात्र ने लिखा है कि उसने मां के खाते से 40 हजार रुपए निकाले और इस पैसे को ‘ फ्री फायर’ गेम में बर्बाद कर दिया। छात्र ने अपनी मां से माफी मांगते हुए लिखा है कि अवसाद के कारण वह आत्महत्या कर रहा है।

भारत के 55 करोड़ युवा है इस लत के शिकार

एक अध्ययन के अनुसार भारत में रहने वाले बीस साल से कम उम्र के 41 प्रतिशत लोग ऑनलाइन गेम्स खेलने के आदी हैं। यह आबादी करीब 55 करोड़ है। ऐसे में ऑनलाइन गेम की लत एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर रही है।