
शैलेन्द्र अग्रवाल : राज्य में फिलहाल ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बंद नहीं हुई है और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को शुरू नहीं किया है। इसके बावजूद सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों में पुरानी पेंशन योजना को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल इस असमंजस की वजह सरकार है।
विधानसभा चुनाव में ओपीएस मुद्दा बना। लोकसभा चुनाव के कारण अब तक राज्य में इस मुद्दे पर चुप्पी रही। लोकसभा चुनाव के बाद अब वित्त विभाग राज्य सरकार से इस विषय पर स्पष्टीकरण चाहता है। विभाग ने ओपीएस के मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा है। प्रस्ताव में ओपीएस जारी रहेगी या बंद होगी, इस विषय को उठाया गया है। राज्य सरकार ने ओपीएस के भविष्य को लेकर फिलहाल पत्ते नहीं खोले हैं।
राज्य में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को खत्म करके ओपीएस लागू करने की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी हुई। पहले चरण में सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया गया।
दूसरे चरण में सभी सार्वजनिक उपक्रम और स्वायत्तशासी संस्थान को इसमें शामिल कर लिया गया। इसमें शामिल होने के लिए शर्त रखी गई कि कर्मचारियो को एनपीएस के तहत उनके खाते में सरकार द्वारा जमा कराई गई राशि संस्थान में 31 अक्टूबर, 2023 तक जमा करानी होगी। हालांकि कुछ अधिकारी और कर्मचारी यह राशि तय समय पर जमा कराने से चूक गए। इस चरण में सभी सार्वजनिक उपक्रम और स्वायत्तशासी संस्थान को इसमें शामिल कर लिया गया। इसमें शामिल होने के लिए शर्त रखी गई कि कर्मचारियो को एनपीएस के तहत उनके खाते में सरकार द्वारा जमा कराई गई राशि संस्थान में 31 अक्टूबर, 2023 तक जमा करानी होगी। हालांकि कुछ अधिकारी और कर्मचारी यह राशि तय समय पर जमा कराने से चूक गए।
Updated on:
19 Jun 2024 02:46 pm
Published on:
19 Jun 2024 02:14 pm
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