
जयपुर। जयपुर में तीन दिन पहले एक दुर्घटना में प्राण गंवाने वाले 30 वर्षीय पवन पंचाल का दिल अब गाजियाबाद के 56 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में धडक़ेगा। धडक़ते दिल को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली के एक निजी अस्पताल में लाया गया और असाध्य डायलेटेड कार्डिमायोपैथी रोग से ग्रस्त व्यक्ति को प्रत्यारोपित कर प्राणदान दिया गया। निजी अस्पताल के अनुसार गाजियाबाद जिले के कनौनी गांव के रहने वाला रोगी सरकारी कर्मचारी है। उसके रोग का हृदय प्रत्यारोपण ही एकमात्र इलाज है।
सडक़ दुर्घटना में हुआ था घायल
तीन दिन पहले जयपुर में सडक़ दुर्घटना में घायल बस्सी के सांभरिया निवासी पवन को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित किया गया था। परिवार ने दिल, लिवर और दोनों किडनियां दान करने का निर्णय किया। दुनिया से विदा होने के बाद पवन चार मरीजों को नया जीवन दे गया।
दिल को भेजा गया दिल्ली
दिल को लाने के लिए दिल्ली के अस्पताल की सर्जरी टीम दो अप्रेल को जयपुर पहुंची और दिल को रात 10. 45 बजे फ्लाइट से दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लाया गया। हवाई अड्डे से ग्रीन कॉरिडोर पर दौड़ती हुई एम्बुलेंस दिल को अस्पताल लेकर पहुंची और रात में ही उसे रोगी के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया गया।
- असाध्य रोग पीडि़त 56 वर्षीय व्यक्ति को मिली नई जिंदगी
- जयपुर के एसएमएस अस्पताल में लिवर प्रत्यारोपण भी हुआ पूरा
15 घंटे तक चला लिवर प्रत्यारोपण
इधर, सवाई मानसिंह अस्पताल में सोमवार रात करीब 11 बजे से शुरू हुआ लिवर प्रत्यारोपण करीब 15 घंटे तक चला। प्रत्यारोपण दोपहर करीब 2 बजे पूरा हुआ। एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ.डी.एस.मीणा के अनुसार लिवर और दोनों किडनियों का सफलता पूर्वक प्रत्यारोपण कर दिया गया है।
1 पवन, 4 जिंदगियां
लिवर : एसएमएस में प्रत्यारोपित
हृदय : दिल्ली में प्रत्यारोपित
किडनियां : एसएमएस में दो रोगियों को
Published on:
04 Apr 2018 11:56 am
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