
जयपुर। संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म ‘पद्मावत‘ को लेकर छिड़े विवाद ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल आयोजकों की टेंशन बढ़ा दी है। पद्मावत विवाद का असर जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पर भी होता नजर आ रहा है। खबरों कि माने तो प्रसून जोशी और जावेद अख्तर जेएलएफ से दूरी बना सकते हैं। सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी को लगातार फिल्म का विरोध कर रहे संगठनों की तरफ से धमकियां मिल रही हैं।
पद्मावत विरोध के चलते प्रसून जोशी पर खतरे को गंभीरता से लेते हुए उनके लिटरेचर फेस्टिवल के लिए जयपुर दौरे में जेड प्लस सिक्योरिटी देने का केंद्र ने फैसला भी लिया था। राजस्थान सरकार ने भी जोशी को पूरी तरह सुरक्षा देने की तैयारी कर रखी है। लेकिन इस बीच कार्यक्रम से उनकी दूरी बनाने के फैसले ने पूरे साहित्य जगत को हैरत में डाल दिया है।
प्रसून आए तो हालात होंगे भंसाली जैसे
फिल्म पद्मावत का उग्र विरोध कर रही करणी सेना ने फिल्म सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी का विरोध करने की चेतावनी दे रखी है। करणी सेना के अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह कालवी को नहीं आने देंगे और सरकार भी ऐसा ही चाहती है। हम तो भडक़े हुए लोग है, जबकि जोशी लाल कपड़े जैसे। वहीं सेना के प्रदेशाध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने साफतौर पर कहा कि यदि प्रसून जोशी जयपुर आए तो उनका हाल भी संजय भंसाली जैसा ही होगा। हमारे मन में उनके प्रति प्रेम नहीं है और जब किसी के प्रति प्रेम नहीं होता तो उसके प्रति करणी सेना क्या करती है, यह सब जानते हैं। सीधा-सीधा सा है कि ‘पधारो म्हारे देश‘ का नारा जोशी पर लागू नहीं होता है।
मेहमानों और साहित्य प्रेमियों में दिखा भय का माहौल
गुलाबी नगर में आज से शुरू हुए साहित्य महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पद्मावत फिल्म के विरोध के चलते बाहर से आए मेहमानों और साहित्य प्रेमियों में भय का माहौल सा बना रहा। जेएलएफ के लिए देश-विदेश से स्पीकर्स जयपुर पहुंच गए हैं तो बड़ी तादाद में साहित्यप्रेमी सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए। साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों के स्वागत में डिग्गी पैलेस को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
Published on:
25 Jan 2018 06:50 pm
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