जयपुरPublished: Feb 16, 2023 07:47:12 pm
Manish Chaturvedi
पाकिस्तान का एक बुजुर्ग मरीज इलाज के लिए जयपुर आया। यहां उसे नया जीवन मिला।
जयपुर। पाकिस्तान के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को जयपुर के एक निजी अस्पताल में ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन प्रक्रिया से गुजरने के बाद नया जीवन मिला है। दूसरे अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने एक साल से भी कम समय में उसकी दूसरी ओपन-हार्ट सर्जरी करने से इनकार कर दिया था। लेकिन डॉ. रवींद्र सिंह राव, चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ने मरीज का टीएवीआर प्रक्रिया से उपचार किया।
डॉ राव ने कहा कि इस प्रकार की वाल्वुलर बीमारी बहुत दुर्लभ है और इसका उपचार करना मुश्किल है। क्योंकि इस तरह से क्षतिग्रस्त वाल्व में जब कोई भी उपकरण प्रत्यारोपित किया जाता है तो वह वाल्व की गतिशीलता और कार्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए हमने प्रक्रिया को बहुत सावधानी से किया और यह सफल रहा।
बता दें कराची के सैयद नासिर अहमद ने मई 2022 में पाकिस्तान में ओपन हार्ट सर्जरी और एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट कराया था। लेकिन सर्जरी के कुछ दिनों के बाद उन्होंने शारीरिक गतिविधियां करने पर सांस फूलने की शिकायत की। तब माइट्रल वाल्व से रिसाव का पता चला। उनके परिवार ने पाकिस्तान के सभी बड़े चिकित्सा संस्थानों से कंसल्ट किया। अहमद ने कहा कि इंटरनेट पर दूसरे देशों के हृदयरोग विशेषज्ञों के बारे जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे। तभी राजस्थान में अस्पताल के बारे में पता चला। इसके बाद वह जयपुर आए। जहां उनका सफलतापूर्वक इलाज हुआ।