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राजस्थान में पंचायतीराज मंत्री और सरपंच हुए आमने—सामने, ग्राम पंचायतों पर लगे ताले…

पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा और सरपंच आमने सामने हो गए है।

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राजस्थान में पंचायतीराज मंत्री और सरपंच हुए आमने—सामने, ग्राम पंचायतों पर लगे ताले...

राजस्थान में पंचायतीराज मंत्री और सरपंच हुए आमने—सामने, ग्राम पंचायतों पर लगे ताले...

जयपुर। पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा और सरपंच आमने सामने हो गए है। सरपंच संघ ने पंचायतीराज मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश में बुधवार को सरपंच संघ के आह्वान पर सभी ग्राम पंचायतों में तालाबंदी की गई। इस दौरान ग्राम पंचायतों में कार्य का बहिष्कार किया गया। साथ ही सभी बैठकों को स्थगित कर दिया गया। जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्राम पंचायतों में होने वाले ग्रामीणों के कामकाज नहीं हो सके।
पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा ने कहा कि वह सरपंचों को संदेश देना चाहते है कि उन्होंने नागौर दौरे के दौरान सरपंचों का नाम नहीं लिया। उन्होंने भ्रष्टाचार का मामला मिलने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। ऐसे में जो सरपंच सही है, उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। मंत्री मीणा ने कहा कि आंदोलन करने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह भ्रष्टाचार को बर्दास्त नहीं करेंगे।
वहीं, सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा के खिलाफ आज सरपंचों की ओर से विरोध जताया गया है। प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों पर तालाबंदी रहीं। मंत्री द्वारा नागौर में ग्राम पंचायतों पर हुए विकास कार्य नरेगा सहित में 300 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप लगाकर सरपंचों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाई गई। साथ ही, ग्राम पंचायतों का 16 माह से बकाया नरेगा का सामग्री भुगतान, मेट कारीगर का भुगतान नहीं होने व मंत्री के साथ 21 मार्च को हुए समझौते की सभी मांगों पर आदेश जारी नहीं होने से सरपंचों में नाराजगी है। जिसे लेकर आज सरपंचों ने विरोध जताया है। आगामी 25 जुलाई को जयपुर में सभी सरपंच स्टेट लेवल बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करेंगे।