20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Encounter In Kashmir : कश्मीर में पैराकमांडो बाबूलाल शहीद, पूरे गांव में नहीं जले चूल्हे

भारतीय सेना के 34वीं राष्ट्रीय राइफल में कार्यरत हवलदार बाबूलाल हरितवाल शुक्रवार को एक सैन्य कार्रवाई में शहीद हो गए।

less than 1 minute read
Google source verification
05082023kotputlim25.jpg

हवलदार बाबूलाल हरितवाल शुक्रवार को एक सैन्य कार्रवाई में शहीद हो गए

भारतीय सेना के 34वीं राष्ट्रीय राइफल में कार्यरत हवलदार बाबूलाल हरितवाल शुक्रवार को एक सैन्य कार्रवाई में शहीद हो गए। जम्मू कश्मीर के कुलगाम के हल्लन मजगांव जंगल में आतंकियों से मुठभेड़ मुकाबले में उन्हें गोली लगी थी। इसके बाद उन्हें श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल में लाया गया था। जयपुर के मनोहरपुर ग्राम पंचायत खोरा के ग्राम हनुतपुरा के बाबूलाल हरितवाल की पार्थिव देह रविवार को जयपुर पहुंचेगी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ में हनुतपुरा गांव में अंत्येष्टि की जाएगी।

पिता बेहाल
बुजुर्ग पिताजी गुल्लाराम जाट बेटे के शहीद होने का समाचार सुनकर बेहाल हो गया। दो भाइयों में बाबूलाल छोटा है। बड़ा भाई भैरुलाल जाट हनुतपुरा में ही कृषि कार्य करता है। ग्रामीण शैलेश कुमार शर्मा ने बताया कि हवलदार बाबूलाल मिलनसार व्यक्ति था।

वर्ष 2002 में सेना में हुआ भर्ती
बाबूलाल का जन्म 5 मई 1985 को हुआ था। फरवरी 2002 में सेना में भर्ती हुआ था। वर्तमान में श्रीनगर के कुलगाम जिले में भारतीय सेना के 34वीं राष्ट्रीय राइफल में कार्यरत थे। यह एक माह का अवकाश के बाद में कुछ दिवस पहले 29 जुलाई को ही ड्यूटी पर गए थे।

वर्ष 1994 में हुई थी शादी
शहीद बाबूलाल की शादी 13 मई 1994 को शाहपुरा निवासी कमलेश के साथ हुई थी। उसके दो पुत्र विशाल और विशेष है जो सीकर में रहकर नीट की तैयारी कर रहे हैं।