
'परीक्षा पे चर्चा' का आयोजन हर साल बोर्ड परीक्षा से पहले किया जाता है। साल 2018 में पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें वो देश के बच्चों, शिक्षकों और माता-पिता से रूबरू होते हैं। इस साल 38 लाख से अधिक छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किया, जो पिछले साल से दोगुने से भी अधिक हैं।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस बार तकरीबन 38 लाख 80 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है। इनमें 31 लाख 24 हजार छात्र, 5 लाख 60 हजार शिक्षक और 1 लाख 95 हजार अभिभावक शामिल है। पिछली बार साल 2022 की तुलना में आंकडा 15.7 लाख ज्यादा है।
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात जो निकल कर सामने आयी वो यह कि Pariksha Pe चर्चा ने इस बार अभिभावकों को बड़ी सीख दी। पीएम मोदी ने कहा कि परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ 'सामाजिक स्थिति' बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा माता-पिता कई बार अपने बच्चों के बारे में दूसरों के सामने बड़ी-बड़ी बातें कर देते हैं, और फिर बच्चों से वैसी ही उम्मीद करते हैं.
इस बारे में जयपुर के अभिभावकों से बात हुई तो कुछ ने कहा यह बात सही है कि एजुकेशन को स्टेटस से नहीं जोड़ना चाहिए। बच्चों पर एक्स्ट्रा प्रेशर नहीं बनाना चाहिए। केवल अच्छे मार्क्स से क्या होगा स्किल developement ज़रूरी है। जो स्टडी में एवरेज होते हैं, वे भी अच्छे पदों पर पहुँच जाते हैं। वहीं कुछ पेरेंट्स ने कहा एजुकेशन के साथ बच्चों का इंटरेस्ट देखना चाहिए ताकि उस दिशा में वे आगे बढ़ सकें। वही कुछ ने कहा बिना प्रेशर बच्चे पढ़ते नहीं है। मिडिल क्लास बड़ी मुश्किल से फीस भरते हैं। बच्चों को यह तो समझना होगा कि उनके पेरेंट्स की उनसे उम्मीद गलत नहीं है। जब पेरेंट्स उनके लिए अपनी ज़िंदगी खपा रहे हैं, तो उन्हें उनकी खुशी के लिए खुद की लाइफ sattle करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। ज़िंदगी में प्रेशर नहीं लेंगे तो क्या कर पाएंगे।
बात प्रेशर की है तो पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा... चारों तरफ से दबाव होता है, लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए? ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें। सोचें, विश्लेषण करें, कार्य करें और फिर जो आप चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए। आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए... उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है।
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है। पीएम ने छात्रों से कहा कि पहले काम को समझिए... हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए।अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा... तभी परिणाम मिलेगा। हमें 'स्मार्टली हार्डवर्क' करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि कभी कभी होता है कि आलोचना करने वाला कौन है ये महत्वपूर्ण होता है। जो अपना है वे कहता है तो आप उसे सकारात्मक लेते हैं लेकिन जो आपको पसंद नहीं है वे कहता है तो आपको गुस्सा आता है। आलोचना करने वाले आदतन करते रहते हैं तो उसे एक बक्से में डाल दीजिए क्योंकि उनका इरादा कुछ और है। 'परीक्षा पर चर्चा' में छात्रों से पीएम ने यह भी कहा भारत में लोग औसतन 6 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। यही चिंता की बात है। जब ईश्वर ने हमें एक स्वतंत्र अस्तित्व और असीम क्षमता वाला व्यक्तित्व दिया है तो गैजेट के गुलाम क्यों बनें?
वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने 'परीक्षा पे चर्चा' प्रोग्राम की तारीफ़ की। लोगों ने कमेंट किये , This #ParikshaPeCharcha is surely a game changer. #ParikshaPeCharcha is a great initiative taken up by Hon'ble PM Shri.
कुछ लोगों ने शानदार कहा तो किसी ने ग्रेट। #ParikshaPeCharcha is a very good program not only for students but also for teachers & parents.
Published on:
27 Jan 2023 02:07 pm
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