अगर आप जौहरी बाजार में शॉपिंग करने जा रहे हैं तो पार्किंग में गाड़ी टाइम देखकर पार्क करें। अगर आपने दो घंटे में गाड़ी नहीं हटाई तो आपकी गाड़ी ट्रेफिक पुलिस उठाकर ले जा सकती है और आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। गाड़ी हटवाने का काम करेगा जौहरी बाजार व्यापार मंडल। जिसने बाजार में पार्किंग व्यवस्था को सुचारू करने के लिए अनोखी पहल की है। जिसके तहत एक रजिस्टर मैंटेन किया गया है जिसमें पार्किंग में खड़े होने वाले हर वाहन का नंबर और समय दर्ज किया जा रहा है। यह काम दिन भर चलता है जिससे यह पता चल जाता है कि कौनसा वाहन कितने समय से पार्क है और कौनसे नए वाहन पार्क हुए हैं। जो वाहन दो घंटे से अधिक समय से पार्क पाए जाते हंैं तो इनकी सूचना ट्रेफिक पुलिस को दी जाती है जिससे इन्हें उनसे जुर्माना लिया जा सके।
वैलेट पार्किंग की भी सुविधा
इतना ही नहीं व्यापार मंडल ने गलियों वाले व्यापारियों और पर्यटकों को वैलेट पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाने की पहल कर है, जिससे गंतव्य तक पहुंचने के बाद वाहन पार्क करने की जिम्मेदारी व्यापार मंडल की ओर से उपलब्ध ड्राइवर की होगी और जब उन्हें यहां से जाना होगा 15 मिनट पहले वह ड्राइवर को सूचित करेंगे तो वह गंतव्य पर उनको वाहन पहुंचाएंगे।

इसलिए लिया गया निर्णय
जौहरी बाजार व्यापार मंडल के महामंत्री कैलाश मित्तल के मुताबिक 2012 में जौहरी बाजार में नगर निगम के साथ मिलकर पहली बार पार्किंग व्यवस्था को ठेके पर दिया गया था, उसके बाद से यहां व्यवस्थाएं बिगड़ती चली गई। यहां नियुक्त ठेकेदार सडक़ पर वाहन पार्क करने वालों से तो अवैधवसूली करते हैं साथ ही निर्धारित समय से अधिक वाहन पार्क करने वाले वाहन मालिकों से कोई जुर्माना नहीं लेते। प्रति वाहन 500रुपए चालान के नियम की पालना नहीं की जा रही। पार्किंग में 45 डिग्री में वाहन खड़ा करने का प्रावधान है लेकिन वाहन सीधे खड़े किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नगर निगम को कितनी ही बार पत्र लिखा गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही। उन्होंने आरेाप लगाया कि ट्रेफिक पुलिस भी नियमित रूप से क्रेन की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाती, ऐसे में पार्किंग की व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। ऐसे में अब व्यापार मंडल ने अपने स्तर पर ही प्रयास किया है। जिससे पार्किंग व्यवस्था को सुचारू किया जा सके और यहां आने वाले आमजन और पर्यटक परेशान नहीं हो। उन्होंने कहा कि जौहरी बाजार में तकरीबन 400 दुकानें हैं जहां देसी विदेशी पर्यटक आना चाहते हैं लेकिन आने के बाद परेशान होकर ही जाते हैं।