
subramanian-swamy
जयपुर।
राजधानी जयपुर में बुधवार को वैचारिक मंथन का महामंच सजा है, मौका है rajasthan patrika keynote 2018 कार्यक्रम का। की—नोट का 15वां संस्करण बुधवार को गुलाबी नगर में जेएलएन मार्ग स्थित होटल में आयोजित हो रहा है।
Patrika Keynote 2018 के 15वें संस्करण में मौजूदा राजनीति से लेकर भविष्य की राजनीति पर खुलकर चर्चा हो रही है। वक्ता सपनों के राजस्थान से लेकर स्वच्छ राजनीति पर अपने विचार रख रहे हैं। की—नोट में विकास की राजनीति के समय में धर्म की मौजूदगी का रियलिटी चैक भी होगा। साथ ही सोशल मीडिया के दौरे में फेक न्यूज का समाधान तलाशने की कोशिश भी रहेगी। जयपुर में हो रहे की—नोट में भाजपा नेता subramanian swamy श्रोताओं से रूबरू हो रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी पत्रिका की-नोट से लाइव
- विकास और धर्म की 2019 में क्या महत्ता रहेगी, विषय पर बोल रहे हैं स्वामी
- 2014 में व्यापक बदलाव था: विकास का मुद्दा केंद्र में था
- 1952 में भी पण्डित नेहरू विकास के मुद्दे पर ही चुनाव में थे
- नेहरु ने धर्म को आधार रख खासतौर पर जाति के आधार पर वोट मांगा था
- राममनोहर लोहिया ने इसको तोड़ा और पिछड़ी जातियों की एकता को बल दिया
- हिन्दुत्त्व पर कांग्रेस डिफेन्स में है।
- 2019 में हिंदुत्व ही मुख्य मुद्दा होगा। डेवलपमेंट मुख्य मुद्दा नहीं रहेगा
- सबसे ज्यादा विकास नरसिम्हाराव की सरकार के दौर में हुआ था
- लोग भावुक होकर डेवलपमेंट को कम देखते हैं। धर्म को ही चुनते हैं
- संविधान भी धर्म से इतर नहीं है। कई जगह धर्म को बढ़ावा देने की बातें और कानून हैं
- संस्कृत का विकास, गोहत्या कानून जैसे मुद्दे लिए गए हैं
- डॉ. अम्बेडकर ने हिन्दुत्त्व के पक्ष में कई किताबें लिखी हैं
- पॉपुलेशन एक्सचेंज का आईडिया dr अम्बेडकर का ही था
- देश मे हिन्दुत्त्व की ही मूल धारा बहती है
- भारतीय समाज भौतिक विकास के आयाम पर ज्यादा महत्त्व नहीं देता। हम आध्यात्मिक आधार पर चलते हैं
- पीएम की कुर्सी पर बैठकर भी मनमोहन सिंह सोनिया गांधी से डर जाते थे, आज भी डरते हैं
- हिन्दू समाज को सपोर्ट करने अल्पसंख्यक वर्ग भी आगे आ रहा है
- भारत की अस्मिता के आधार पर अगला चुनाव तय होगा
- अयोध्या में दरअसल मंदिर ही टूटा था, मस्जिद नहीं। क्योंकि लोग वहां पूजा करते थे
- अरुण जेटली को अर्थशास्त्र का ज्ञान ही नहीं। मेरा विरोध दूसरे कारणों से
- लोगों में उत्साह पैदा करने के लिए इनकम टैक्स खत्म कर देना चाहिए
- इससे मध्यम वर्ग ही परेशान होता है
- ब्याज का रेट व्यवस्थित हो ताकि लोग बचत करें।
Published on:
21 Nov 2018 03:33 pm
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