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Patrika National Book Fair: लोकतंत्र की नब्ज समझाएगी पुस्तक ‘जन के मन तक’

Patrika National Book Fair 2025: पत्रिका नेशनल बुक फेयर में प्रकाशनाधीन पुस्तक ‘जन के मन तक’ पर चर्चा हुई।

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फोटो: पत्रिका

7th Day Of Patrika Book Fair: जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में आयोजित पत्रिका नेशनल बुक फेयर में शुक्रवार को प्रकाशनाधीन पुस्तक ‘जन के मन तक’ पर चर्चा हुई। मुख्य वक्ता के रूप में हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि के संस्थापक कुलपति ओम थानवी ने कहा कि पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की चुनावी यात्रा एक पुस्तक के रूप में आना बड़ी घटना है।

इस पुस्तक के लेखक भुवनेश जैन ने सहज भाषा का उपयोग इस पुस्तक में किया है। खास बात यह है कि लेखक ने इस पुस्तक में अपने विचार नहीं रखे। जबकि, वे पूरी यात्रा में गुलाब कोठारी के साथ रहे हैं। उन्होंने केवल कोठारी की यात्रा के बारे में ही लिखा है। सत्र के दौरान लेखक और राजस्थान पत्रिका के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने पुस्तक के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पत्रिका ने एक संस्थान के रूप में लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है।

पत्रिका वर्षों से जागो जनमत सहित कई अभियान चलाता रहा है। वर्ष 2023-24 की चुनावी यात्रा के दौरान इस पुस्तक का विचार आया। जल्द ही यह पुस्तक पाठकों के सामने होगी। दरअसल, जन गण मन यात्रा-2023 के तहत पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पहुंचे। तीनों राज्यों में करीब तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़क मार्ग से सफर किया। इसके बाद वर्ष 2024 में लोकसभा चुनावों में बारह राज्यों में इसी तरह की चुनाव यात्रा की। इसी चुनाव यात्रा के आधार पर इस पुस्तक को लिखा गया है। सत्र का संचालन सुकुमार वर्मा ने किया।

यात्रा का सार है ये किताब

पुस्तक के लेखक भुवनेश जैन ने बताया कि चुनावी यात्रा का सार इस किताब में है। पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी इस चुनावी यात्रा में अजमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर से लेकर जगदलपुर और बस्तर जैसे इलाकों में भी गए और वहां लोगों से संवाद किया। पश्चिम बंगाल और असम में भी हम पहुंचे और लोगों के चुनावी मिजाज को जाना। बातचीत के दौरान लोग शिकायतें लेकर भी आते थे। हम मुद्दा पता करते थे। कई बार तो लोग चुनावी टिकट मांगने के लिए भी आ जाते थे। किताब में राजनीतिक वातावरण और मुद्दे लोगों के सामने रखने की कोशिश की गई है।

सत्ता को ललकारने से कभी नहीं झिझके

चर्चा के दौरान थानवी ने कहा कि गुलाब कोठारी के लेख सत्ता और लोगों को जगाने वाले होते हैं। वह कभी सत्ता को ललकारने से नहीं झिझके। यही वजह है कि उनका रुतबा आज भी कायम है। पत्रिका के ‘जब तक काला, तब तक ताला अभियान’ को लेकर उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कभी-कभी सपने में ये अभियान दिखता होगा। चर्चा में उन्होंने राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चन्द्र कुलिश और प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के साथ बिताए पलों के बारे में भी श्रोताओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाषा की परवाह जितना कुलिश जी ने की, उतनी ही गुलाब जी भी करते हैं। कुलिश जी के प्रवाह की सिद्धि गुलाब जी के पास भी है।