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PatrikaSpeakUp: ऐप से इबादत हुई आसान, तो कहीं ई रिक्शे से लोग हुए परेशान, पढ़िए जयपुर के लोगों की समस्याएं, परेशानी और प्रतिक्रिया

पत्रिका में हुए नए बदलाव के बाद स्पीक अप के जरिए लोगों ने शहर के बारे में सुझाव बताए, समस्याएं रखी और खुलकर प्रतिक्रियाएं दी। पढ़िए लोगों ने क्या कुछ कहा...

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जयपुर

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Ravesh Gupta

Apr 13, 2023

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पत्रिका में किए गए नए बदलाव के बाद जयपुर के आम लोगों को अब अपनी समस्याएं, प्रतिक्रियाएं और सुझाव खुलकर सामने रखने का मौका मिल रहा है। सिटी के नए पेज ज्यादा उपयोगी, पाठक के लिए ज्यादा रोचक और खास बनाया गया है। केवल पत्रिका में अखबार में खबर पढ़ने के बाद अब फेसबुक के माय सिटी ग्रुप के जरिए लोगों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है।
यहां लोगों ने लगातार अलग अलग मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं, सुझाव और समस्याएं बताई हैं। इस बदलाव में स्पीक अप प्रॉपर्टी के जरिए लोगों से एक खास सवाल पर उनकी जवाब मांगे जा रहे हैं। जयपुर के पाठक बढ़ चढ़ कर इस अभियान में हिस्सेदारी ले रहे हैं और शहर की बेहतर तस्वीर के लिए जमकर जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। शहर के मुद्दे प्रॉपर्टी में शहर के किसी खास मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की राय रखी जा रही है। शहर के बड़े मुद्दों पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पढ़िए जयपुर ने क्या कुछ कहा...


मुद्दा - जीवन को नई दिशा प्रदान करने वाले हैं महात्मा फुले
महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपने संघर्षमयी जीवन से समाज को नई दिशा प्रदान की है। जब सम्पूर्ण भारत अंधविश्वास व कुरीतियों से जकड़ा हुआ था तब शिक्षा के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले ने महाराष्ट्र में प्रथम महिला विदयालय की स्थापना कर महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाया। सर्वप्रथम पत्नी सावित्री बाई फुले को शिक्षा दी। फुले ने माली जाति में जन्म लिया उन्होंने दलित वंचित व शोषित वर्ग को आगे लाने का कार्य किया। फुले के सिद्धांतों से प्रेरित होकर बाबा साहब अंबेडकर भी उन्हें अपना गुरु मानते थे। फुले को सन 1888 में महात्मा की उपाधि दी गई। इसपर उन्होंने कहा कि मुझे महात्मा कहकर मेरे संघर्ष पर पूर्ण विराम न लगाए। जब व्यक्ति मठाधीश बन जाता है तो वह संघर्ष नहीं कर सकता। इसलिए आप मुझे साधारण जन ही रहने दें, मुझे अपने बीच से अलग न करें।
राहुल तंवर, युवा नेता, राजस्थान माली सैनी समाज


मुद्दा - यातायात जाम से निजात पाने के लिए नई समस्या का सुझाव
दीपचंद@जवाहर नगर
ई-रिक्शा और बसों को अनावश्यक स्थानों पर रुकने नहीं दिया जाए। इससे वाहन चालकों को जाम से राहत मिलेगी और यातायात सुगम होगा।
सुरभि जैन @ सांगानेर
वीआईपी मूवमेन्ट की पहले से जानकारी दी जाए। मुख्य मार्गों पर स्क्रीन पर टाइम के साथ अवगत करा दिया जाए तो जाम से राहत मिल सकती है।
देवांशु शर्मा@शास्त्री नगर
ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन मजबूती से कार्य करे। साथ ही सरकार धरना प्रदर्शन के लिए जगह निर्धारित करे तो इससे आम लोगों को सुविधा होगी।

मुद्दा - हाइटेक हो रही इबादत, न रोजा टूटेगा , न काम छूटेगा
रमजान के महीने में ऑफिस में काम के दौरान नमाज के समय का पता नहीं चलता। मोबाइल एप की मदद से अजान के वक्त का पता चल जाता है। यहां एक चिन्हित जगह पर इबादत भी कर रही हूं।
-खदीजा खानम, सिविल लाइन, नौकरीपेशा
विभिन्न एप्लीकेशन के जरिए धर्म से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, रोजों के इफ्तार—समय के साथ ही ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ रहा हूं। नमाज के समय मोबाइल स्वत: ही साइलेंट मोड पर आ जाता है।
-परवेज खान, प्रताप नगर निवासी छात्र
मोबाइल एप की मदद से काम के दौरान कुरआन की तिलावत के साथ ही इबादत भी हो रही है। अलर्ट मैसेज से नमाज के टाइम का भी पता चल जाता है।
-अब्दह अली, एयरलाइन कर्मी, जयपुर एयरपोर्ट