
खास-खास
-21 वार्ड हैं मानसरोवर जोन में
-63 हूपर का संचालन हो रहा है इन वार्डों में
ग्रेटर नगर निगम के मानसरोवर जोन में ई-हूपर का प्रयोग सफल होता नहीं दिख रहा है। रही सही कसर निगम प्रशासन ने पूरी कर दी है। तीन माह से डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली कम्पनी का भुगतान अटका हुआ है। ऐसे में कम्पनी के कई ई-हूपर चालकों और हेल्पर ने काम बंद कर दिया है। त्योहारी सीजन में हूपर न आने से लोगों के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है। शाम को बाजारों में भी हूपर नहीं पहुंचने से व्यापारी कचरा सड़क पर फेंक रहे हैं।
दरअसल, निगम प्रशासन ने प्रयोग के तौर पर मानसरोवर में वार्डों में ई-हूपर शुरू किए थे। करीब 63 हूपरों का संचालन किया। यहां महज 400 किलो क्षमता के हूपर चल रहे हैं। ऐसे में हूपर जल्दी भर जाते हैं। साथ ही चार्जिंग की भी दिक्कत आ रही है।
ये है दिक्कत
कंपनी ने जोन में 400 किलो क्षमता के हूपर चलाए, जबकि अन्य जोन में निगम 1200 किलो क्षमता के हूपर चलवा रहा है। दोनों ही हूपर 4-4 चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में ई-हूपर कम क्षमता होने की वजह से पूरा कचरा नहीं उठा पा रहे हैं। इनके सहयोग के लिए निगम ने अपने हूपर भी लगा रखे हैं।
उपायुक्त ने लगाई आपत्ति
जुलाई का भुगतान होने के बाद अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर का भुगतान नहीं हुआ है। सूत्रों की मानें तो मानसरोवर जोन उपायुक्त की ओर से आपत्ति लगाई गई है। इस कारण भुगतान अटका हुआ है। इधर, कम्पनी अपने स्तर पर भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। यही वजह है कि कई हूपर चालकों ने काम बंद कर दिया है। हालांकि, कम्पनी प्रतिनिधियों का दावा है कि काम नियमित रूप से कराने का प्रयास किया जा रहा है।
होना तो ये चाहिए
उपायुक्त की आपत्ति काम में लापरवाही को लेकर है। अनुबंध के मुताबिक जुर्माना लगाकर शेष भुगतान कर देना चाहिए। इससे कम्पनी भी यथावत काम करती रहेगी और लोगों के घरों से कचरा भी रोज सुबह उठता रहेगा।
जहां काम में लापरवाही थी, वहां कटौती के लिए कहा है। फाइल गैराज शाखा में भेज दी है।
-मुकेश कुमार, उपायुक्त, मानसरोवर जोन
Published on:
02 Nov 2023 01:23 am
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