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Ashok Gehlot V/S Sachin Pilot: डिप्टी सीएम ने अब सीएम की कार्यशैली पर उठाये सवाल! जाने ऐसा क्या बोल गए?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कथित दूरियां गाहे-बगाहे कई बार सामने आ चुकी हैं। इसी क्रम में पायलट का एक और ताज़ा बयान सामने आया है। डिप्टी सीएम ने सीएम की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दिए। डिप्टी सीएम के ये तेवर न सिर्फ कांग्रेस में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी फिलहाल चर्चा का विषय बने हुए हैं।

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ashok gehlot sachin pilot

जयपुर/ अलवर।

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) के बीच मनभेद और मतभेद समय-समय पर सामने आते रहे हैं। दोनों नेताओं की जोड़ी विरोधी दलों के भी निशाने पर लगातार बनी रहती है। इसी क्रम में पायलट का एक और ताज़ा बयान सामने आया है, जब डिप्टी सीएम ने सीएम की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दिए। डिप्टी सीएम के ये तेवर न सिर्फ कांग्रेस में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी फिलहाल चर्चा का विषय बने हुए हैं।


पहलू खां मामले पर उठाये सवाल ( Pehlu Khan Lynching Case )
पहलू खां प्रकरण के अनुसंधान में लापरवाही की जांच के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 6 दिन पहले ही SIT का गठन किया है। अब उस पर उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने सवाल खड़े किए हैं। पायलट ने बुधवार को अलवर प्रवास के दौरान पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि एसआइटी का गठन तो 8 माह पहले ही कर दिया जाना चाहिए था। अगर एसआइटी पहले ही बन जाती तो निचली अदालत का फैसला कुछ और ही होता।


इससे पहले उन्होंने जिले के झिवाना गांव में कथित मॉब लिंचिंग मामले में जान गंवाने वाले हरीश जाटव के परिजनों से मुलाकात की। पायलट ने उन्हें सरकार की ओर से र्आिथक सहायता दिलाने के साथ ही पुलिस अधीक्षक से पुन: जांच कराने का आश्वासन दिया।

राजीव जयंती पर दिखी थी 'खटास'
गहलोत-पायलट के बीच की खींचतान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में राजीव गांधी की 75वीं जयंती के मौके पर भी दिखी थी। दोनों ने इशारों-इशारों में एक दूसरे पर निशाना साधा था। इसके बाद ये मीडिया की सुर्खियां बन गई थी। यहां डिप्टी सीएम ने पीसीसी चीफ के तौर पर सम्बोधित करते हुए सीएम गहलोत की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस तरीके से राजीव गांधी ने संगठन का ध्यान प्रधानमंत्री बनने के बाद भी रखा, उसी तरह से (गहलोत) आप भी कार्यकर्ताओं के काम के लिए डीपीआर का इंतजार नहीं करेंगे। इसकी उम्मीद है। पायलट यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन संगठन मजबूत होना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि सरकार संगठन के मजबूत होने से ही बनती है। पायलट ने राजीव गांधी उदाहरण देते हुए कहा कि जब 420 सीटें जीतकर कांग्रेस सत्ता में आई थी तो भी मुंबई अधिवेशन में उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी में भी दलाल हैं उनको बाहर निकालना होगा। तो फिर हमसे भी अगर कोई गलती हो रही है तो उसे सुधारना चाहिए। राजस्थान में भी जो सरकार है वह संगठन के कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर बनी है। पायलट ने कहा कि राजीव गांधी भी प्रधानमंत्री होते हुए संगठन को तवज्जो देते थे, उसी तरह से हमें भी संगठन को तवज्जो देनी चाहिए।

40 मिनट भाषण में नाम तक नहीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कथित दूरियां गाहे-बगाहे कई बार सामने आ चुकी हैं। इससे पहले हाल ही में राज्य विधानसभा में ग्रामीण विकास और लोक निर्माण कार्य की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान ऐसी ही दूरियों के संकेत मिले थे। डिप्टी सीएम पायलट ने अपने 40 मिनट लंबे जवाब के दौरान एक बार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम नहीं लिया। विपक्ष तो जैसे इस मौके के इंतजार में ही बैठा था। सदन के बाहर आते ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस मुद्दे को हवा देते हुए सरकार पर जमकर कटाक्ष किए। पायलट ने अपने जवाब में कई सदस्यों और पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत तक का तो नाम लिया, लेकिन सीएम गहलोत के नाम से पूरा परहेज रखा।

... इधर नए सिरे से जांच का भरोसा
हरीश जाटव की मौत के बाद न्याय नहीं मिलने पर उनके पिता ने भी आत्महत्या कर ली थी। इसको लेकर प्रदेश भाजपा की ओर से न्याय की मांग को लेकर सरकार पर हमला बोला जा रहा था। आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस नेता पीड़ित परिवार से मिले तक नहीं। सिर्फ पहलू खां मामले में ही सरकार जुटी है।


पायलट सबसे पहले झिवाना गांव पहुंचे और जाटव के परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। पीडि़त परिवार ने उप मुख्यमंत्री से एफआइआर के आधार पर जांच कराने एवं दोषी पुलिसकर्मियों को हटाए जाने की मांग की। इस पर पायलट ने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया कि मामले की नए सिरे पुलिस अधीक्षक जांच कराएंगे। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।


इस मौके पर पायलट ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि कोई भी जाति धर्म का व्यक्ति हो। न्याय सभी के लिए समान होना चाहिए। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जाटव की मौत के मामले की भी जिले में लगाए गए नए एसपी जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। कलक्टर और यहां के मंत्री को भी कहा गया है।


उन्होंने कहा कि मृतक के चार छोटी बच्चियां हैं, इसलिए परिवार को आजीविका चलाने के लिए आर्थिक संबल जरूरी है। प्रशासन पीडि़त परिवार के साथ है और सरकार की ओर से पीडि़त परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी। इस दौरान श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली व कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।


ये था मामला
हरीश जाटव की कथित मॉब लिंचिंग में हुई मौत के 28 दिन बाद गत गुरुवार रात को उसके दृष्टि बाधित पिता रतिराम जाटव की संदिग्ध परिस्थतियों में विषाक्त पदार्थ खाने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और परिजन मांग पूरी नहीं होने तक रतिराम का पोस्टमार्टम नहीं कराने पर अड़ गए। पीडि़त के परिजन और भाजपा नेता आरोपियों की गिरफ्तारी, भिवाड़ी एएसपी व डीएसपी का तबादला, परिवार की आर्थिक मदद और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर टपूकड़ा सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गए थे। दो दिन यह धरना चला।