18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब प्रदूषण जांच में देरी पर भी नहीं देनी पडेगी पेनल्टी, विभाग ने दी ये छूट

पत्रिका ने उठाया मुद्दा तो खुली विभाग की नींद

2 min read
Google source verification
rto

अब प्रदूषण जांच में देरी पर भी नहीं देनी पडेगी पेनल्टी, विभाग ने दी ये छूट

जयपुर. प्रदूषण के नाम पर जनता से जुर्माना वसूली पर परिवहन विभाग कुछ कदम पीछे हटा है। इसके तहत अब प्रदूषण जांच में 7 दिन तक की देरी पर जुर्माना नहीं लिया जाएगा, लेकिन इससे अधिक समय बाद भी प्रदूषण जांच नहीं कराने वालों के मामले में योजना बरकरार रहेगी। विभाग के नए निर्देशों के अनुसार प्रमाण पत्र की वैधता अवधि पूरी होने पर वाहन चालक को सात दिन का 'ग्रेस पीरियड' दिया जाएगा। इस अवधि में प्रमाण पत्र बनवाने पर जुर्माना नहीं लिया जाएगा। हालांकि बिना प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र पकड़े जाने पर धारा 190 (2) के तहत जुर्माना वसूलने की कार्रवाई में राहत नहीं मिलेगी।


पेट्रोल पंपों पर जांच केंद्र

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को राज्य सरकार को सभी पेट्रोल पम्पों पर जांच केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन विभाग 11 माह में प्रदेश के करीब ढाई हजार पेट्रोप पम्पों में से सिर्फ 154 पर ही केन्द्र स्थापित कर पाया। पत्रिका की ओर से मुद्दा उठाए जाने के बाद विभाग की नींद खुली है।


विभाग ने अब माना है कि

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पेट्रोल पम्प पर जांच केन्द्र खोलने के लिए अब सम्बन्धित तेल कम्पनी की अनुशंसा लेने का औचित्य ही नहीं है। इससे केन्द्र खुलने में होने वाले विलंब को रोका जा सकेगा।


राहत पर छोटी सी

प्रमाण पत्र एक्सपायर होने के बाद पहले जहां दूसरे ही दिन प्रदूषण जांच कराने पर पेनल्टी वसूल ली जाती थी। अब 7 दिन में बिना पेनल्टी यह जांच हो सकेगी। हालांकि सरकार का यह कदम ग्रेस पीरियड के दौरान पकड़े जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई से नहीं बचा पाएगा।


खुद ही भरें पेनल्टी

पेनल्टी राशि जमा कराने के लिए अब ई-मित्र पर जाने के बजाय वाहन चालक खुद ही ऑनलाइन इसे जमा करा पाएंगे।
इसके लिए https://sso.rajasthan.gov.in/register पर सिटीजन के तौर पर रजिस्टर होकर ईमित्र सेवा के जरिए पेनल्टी जमा कराई जा सकेगी।


इसलिए है मनमानी

विभाग के पेनल्टी वसूलने के प्रावधान से खुद सरकार का ही विधि विभाग पहले ही पल्ला झाड़ चुका है। पेनल्टी वसूलने के लिए नियमों में संशोधन का प्रस्ताव परिवहन विभाग ने विधि विभाग को भेजा था। लेकिन विधिक परीक्षण के बाद विधि ने इसे यह कहते हुए लौटा दिया था कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 111 के तहत राज्य को ऐसा नियम बनाने का अधिकार ही नहीं है।