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अब पेयजल समस्याओं का समाधान एयरकंडीशन कमरों में बैठ कर नहीं होगा—पीएचईडी इंजीनियर करेंगे गांवों में रात्रि विश्राम और दौरे

रात्रि विश्राम,निरीक्षण में मिली परिवेदनाओं का रिेकार्ड रखना जरूरीजिला स्तरीय अधिकारी करेंगे 5 प्रतिशत लाभार्थियों से फोन पर बातजानेंगे परिवेदनाओं के समााधन के संतुष्ठि का स्तर इंजीनियर एयरकंडीशन कमरों में बैठ कागजों में ही कर रहे थे पेयजल समस्याओं का समाधानविभाग की संयुक्त सचिव ने जारी किए आदेश

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जयपुर
जयपुर में जल भवन से लेकर पूरे प्रदेश में अपने एयर कंडीशन कमरों में बैठ कागजों में ही पेयजल व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने इंजीनियरों को अब फील्ड जाकर आमजन की पेयजल समस्याएं सुननी होंगी। इसके लिए जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत के निर्देश के बाद विभाग की संयुक्त शासन सचिव पुष्पा सत्यानी ने मुख्य अभियंता से लेकर अधिशाषी अभियंता तक रात्रि विश्राम,टयूर और निरीक्षण की मासिक संख्या तय कर दी है।
इस तरह होंगे रात्रि विश्राम,टयूर और निरीक्षण

मुख्य अभियंता—दो दिवसीय टयूर व एक रात्रि विश्राम हर महीने
रात्रि विश्राम—12
टयूर—24
निरीक्षण—11

अतिरिक्त मुख्य अभियंता—एक वर्ष में 24 ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम—एक ग्राम पंचायत का टयूर हर महीने
रात्रि विश्राम—24
टयूर—48
निरीक्षण—स्वंय व जिला स्तर के अधिकारी के साथ

अधीक्षण व अधिशाषी अभियंता —30 ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम—सभी पंचायत का निरीक्षण
रात्रि विश्राम—30
टयूर—60
निरीक्षण—स्वयं व खंडीय अफसरों के साथ

ये करना होगा
प्रत्येक गुरुवार को जन सुनवाई करना जरूरी
रात्रि विश्राम,दौरे की सूचना राजस्थान सम्पर्क पर अपलोड करना जरूरी
तबादला होने पर शिकायतें,परिवेदनाओं को दूसरे अधिकारी को चार्ज में देना होगा
अफसरों के विजिट के बाद जिला स्तरीय अधिकारी 5 प्रतिशत लाभार्थियों को फोन करके परिवेदनाओं के निस्तारण से संतुष्ठि का सत्यापन करेंगे
सभी परिवेदनाओं,शिकायतों का रिकार्ड रखना जरूरी होगा

बीते दिनों जलदाय विभाग के अतिरिक्त् मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर जिले के इंजीनियरों की बैठक ली। जिसमें सामने आया कि इंजीनियरों ने सरकार के आदेश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में न रात्रि विश्राम किए न निरीक्षण किए। इस स्थिति में लोगों को पेयजल समस्याओं के समाधान के लिए भटकना पड़ा। सबसे बुरा हाल जयपुर ग्रामीण अधीक्षण अभियंता आरसी मीणा का रहा।