
जलदाय विभाग राजस्थान
राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर के पेयजल उपभोक्ताओं के साथ जलदाय विभाग मजाक कर रहा है। पृथ्वीराज नगर फेज-प्रथम पेयजल प्रोजेक्ट और सांगानेर की कई कॉलोनियों में रहने वाली लाखों की आबादी के लिए व्यवस्था नहीं, बल्कि मजाक बन गया है। जलदाय विभाग ने हजारों उपभोक्ताओं को जल कनेक्शन तो जारी कर दिए, लेकिन पानी की एक बूंद तक नहीं पहुंचाई। इतना ही नहीं, बिना मीटर रीडिंग के 400 से 700 रुपए तक के बिल उपभोक्ताओं को अब थमा दिए गए हैं।
विभाग द्वारा इन कॉलोनियों में पानी कनेक्शनों पर मीटर भी लगाए गए हैं, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी न तो पानी आया, न रीडिंग हुई, और बिल थमा दिए गए। लोगों ने इसे पेयजल प्रोजेक्ट की घोर विफलता और जनता के साथ धोखा करार दिया है।
पृथ्वीराज नगर में अशोक विहार, हंस विहार, कृष्ण विहार, श्याम वाटिका सहित 20 से ज्यादा कॉलोनियों के रहवासियों का कहना है कि कभी कोई मीटर रीडर नहीं आया, लेकिन फिर भी 400-500 रुपए के बिल भेज दिए गए हैं। सांगानेर की इनकम टैक्स कॉलोनी में भी कमोबेश यही हाल है। लोग समझ नहीं पा रहे कि जब पानी आया नहीं और रीडिंग हुई नहीं, तो बिल कैसे बना?
पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में मांग्यावास स्थित राजीव विहार और मिथिला विहार कॉलोनियों के निवासियों का कहना है कि विभाग की पाइप लाइन टेस्टिंग के दौरान उन्होंने कनेक्शन ले लिया था। राजीव विहार निवासी शैलेन्द्र भट्ट ने बताया कि 5-6 महीने बीत गए, लेकिन एक बूंद पानी नल में नहीं आया। अब विभाग ने 700 रुपए का बिल भेज दिया है।
नारायण सिंह, अध्यक्ष, हंस विहार विकास समिति के अनुसार पृथ्वीराज नगर की कॉलोनियों में एक दिन भी पानी नहीं आया, फिर भी बिल जारी कर दिए गए।
बिना रीडिंग के बिल आने और पानी न मिलने की शिकायतों को गंभीरता से लेकर समाधान किया जाएगा। संबंधित क्षेत्र के अभियंताओं को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं। -शुभांशु दीक्षित, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जयपुर शहर
Published on:
16 May 2025 08:41 am
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