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जयपुर

पीएचईडी लैब चीफ केमिस्ट का तुगलकी फरमान

बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर लैब कार्मिकों को दिया नोटिस वेतन कटौती के भी दिए आदेश सक्षम अधिकारी के बजाय सीधे लैब स्टाफ से मांगा स्पष्टीकरण

जयपुरNov 13, 2019 / 01:28 pm

anand yadav

जयपुर। जलदाय विभाग की जयपुर स्थित राज्य स्तरीय जल विज्ञान प्रयोगशाला के चीफ केमिस्ट इन दिनों तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। मुख्य अभियंता प्रशासन के आदेश का हवाला देकर बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने के चलते पाली और करौली जिले के कनिष्ठ रसायनज्ञ को स्पष्टीकरण देने व उनके वेतन कटौती तक आदेश चीफ केमिस्ट ने जारी किए हैं। जबकि दोनों हिी जिलों के सक्षम अधिकारियों को इस मामले की जानकारी तक नहीं है।जयपुर लैब से जारी हुए नोटिस पर लैब स्टाफ अब अनुबंध वाली लैब की रिपोर्ट मंगवाने को लेकर चीफ केमिस्ट द्वारा दबाव बनाने की रणनीति मान रहे हैं।
यह है मामला

जानकारी के अनुसार करौली जिले में तैनात कनिष्ठ रसायनज्ञ राजेश भारतीय सक्सेना व पाली के कनिष्ठ रसायनज्ञ उमेश कुमार मेड़तवाल को चीफ केमिस्ट जयपुर ने नोटिस जारी कर राजकीय अवकाश के दिन बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने व कार्य दिवस में कार्यालय से अनुपस्थित रहने का कारण बताते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में दोनों की केमिस्ट के एक दिन के वेतन कटौती का आदेश भी दिया गया है। बता दें करौली जिले के स्टाफ के सक्षम अधिकारी भरतपुर लैब के सीनियर केमिस्ट हैं जबकि पाली जिला अधीक्षण रसायनज्ञ जोधपुर के अधीन है। वहीं इस मामले में चीफ केमिस्ट राकेश माथुर ने दोनो सक्षम अधिकारियों से अब तक कोई जवाब तलब नही किया है।
भुगतान को लेकर बनाने लगे दबाव
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में प्रदेश के सभी जिलों में अनुबंध के आधार पर जल विज्ञान प्रयोगशालाएं खोली गई। लेकिन अधिकांश जिलों में फर्म ने काम करना तो दूर प्रयोगशालाएं ही नहीं खोली। फर्म को कार्यादेश के अनुसार तय संख्या में पानी सैंपलों की जांच करनी थी लेकिन अधिकांश जिलों में फर्म का काम संतोषजनक नहीं रहा। दूसरी तरफ अब फर्म के कामकाज में गड़बड़झाले क बावजूद पीएचईडी मुख्यालय के अफसर जिला स्तरीय लैब से फर्म के कार्य को सत्यापित कर रिपोर्ट मांग रहे हैं। पीएचईडी में जिले के अधिकारी फर्म के कार्य की वस्तुस्थिति बताते हैं तो उन्हे धमकी तक दी जाती है।
इन जिलों से मांगी कॉस जांच रिपोर्ट
बीते 9 अक्टूबर को चीफ केमिस्ट राकेश माथुर ने जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, बीकानेर,पाली, जैसलमेर,बाड़मेर,सिरोही,जालोर, सवाई माधोपुर,करौली,धौलपुर, बांसवाड़ा,राजसमंद,डूंगरपुर,चूरू, हनुमानगढ़,श्रीगंगानगर,बारां व झालावाड़ जिले के अधीक्षण अभियंता, वरिष्ठ व कनिष्ठ रसायनज्ञ को दस फीसदी नमूनों की शीघ्र कॉस जांच कर रिपोर्ट देने का कहा गया है। वहीं ऐसा नहीं करने पर संबंधित कार्मिको के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
इनका कहना है— अन्य जिलों में फर्म ने काम किया या नहीं इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। ज्यादा जानकारी तो जिला लैब वाले कर्मचारी ही दे सकते हैं। मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है। राकेश माथुर, चीफ केमिस्ट , स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री पीएचईडी, जयपर
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