जानकारी के अनुसार गोशाला गेट के बाहर से जलदाय विभाग की पाइप लाइन कई महीनों से लीकेज होने के कारण ट्रांसफार्मर के पास जलभराव हो जाता है। वहीं बस स्टैंड हैं और गोशाला में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ट्रांसफार्मर के नीचे पानी भरा होने से भय का बातावरण बना हुआ है। वहीं आसपास के दुकानदारों ने कचरा डिपो बना रखा है। नगर निगम की ओर से मशीन से कचरा उठाने पर पानी की पाइपलाइन लीकेज हो जाती है। लीकेज होने से गहरा गड्ढा भी हो गया, जिसमें पानी भरने से लोगों को देखाई नहीं देने से वे गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
जलदाय विभाग कर रहा खानापूर्ति
स्थानीय निवासी रामअवतार सैनी ने बताया कि कई महीनों से पाइपलाइन में लीकेज है, जिससे ट्रांसफार्मर के पास पानी भर जाता है। जलदाय विभाग की ओर से ठीक करने के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। सैनी ने बताया कि निगम की गाड़ी के कचरा उठाने से बार-बार पाइपलाइन टूट रही है। पानी लीकेज को लेकर अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों को शिकायत कर और सोशल मीडिया से भी अवगत कराया, लेकिन कोई उचित समाधान नहीं हो रहा।
स्थानीय निवासी रामअवतार सैनी ने बताया कि कई महीनों से पाइपलाइन में लीकेज है, जिससे ट्रांसफार्मर के पास पानी भर जाता है। जलदाय विभाग की ओर से ठीक करने के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। सैनी ने बताया कि निगम की गाड़ी के कचरा उठाने से बार-बार पाइपलाइन टूट रही है। पानी लीकेज को लेकर अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों को शिकायत कर और सोशल मीडिया से भी अवगत कराया, लेकिन कोई उचित समाधान नहीं हो रहा।
सैकड़ों लोग गुजरते, हादसे का डर
स्थानीय दुकानदार सुरेश सैनी ने बताया कि ट्रांसफार्मर के पास सुबह-शाम सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि लापरवाही नेताओं और प्रशासन की है, अगर कोई हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
स्थानीय दुकानदार सुरेश सैनी ने बताया कि ट्रांसफार्मर के पास सुबह-शाम सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि लापरवाही नेताओं और प्रशासन की है, अगर कोई हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।