31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Plastic Free: राजस्थान में ‘बर्तन बैंक योजना’ की शुरुआत, पहले चरण में एक हजार ग्राम पंचायतों में होंगे बैंक स्थापित

Swachh Bharat Mission: ग्रामीण आयोजनों में अब नहीं होगा प्लास्टिक का प्रयोग – मिलेगा बर्तन बैंक विकल्प, राजस्थान सरकार की अभिनव योजना: पर्यावरण के लिए बर्तन बैंक।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

May 07, 2025

New initiative: In the first phase, utensils banks will be established in one thousand gram panchayats of the state

New initiative: In the first phase, utensils banks will be established in one thousand gram panchayats of the state

Plastic Ban: जयपुर। राजस्थान सरकार ने प्लास्टिक मुक्त आयोजनों को प्रोत्साहित करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अभिनव कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप ‘बर्तन बैंक योजना’ की शुरुआत की गई है, जो न केवल एक पर्यावरणीय समाधान है, बल्कि सामाजिक समरसता और ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सशक्त प्रयास है।

प्रथम चरण में 1,000 ग्राम पंचायतों में खुलेंगे बर्तन बैंक

वर्ष 2025-26 के बजट के तहत, पहले चरण में 1,000 ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रुपए के स्टील बर्तन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन बर्तनों का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजनों के दौरान किया जा सकेगा, जिससे प्लास्टिक के उपयोग में कमी आएगी।

कोटा के खैराबाद में प्रदेश का पहला बर्तन बैंक

प्रदेश का पहला बर्तन बैंक कोटा जिले की खैराबाद पंचायत समिति में स्थापित किया गया है, जहां प्रारंभ में 900 स्टील बर्तनों के सेट रखे गए हैं। आवश्यकता के अनुसार बर्तनों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।

बर्तनों के सेट में होंगे ये आइटम्स

प्रत्येक सेट में 1 प्लेट, 3 कटोरी, 1 चम्मच, और 1 गिलास उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम 400 सेट रखे जाएंगे, जिन्हें व्यवस्थित रूप से स्टील रैक पर रखा जाएगा।


यह भी पढ़ें: Housing Scheme: चूक मत जाना मौका, घर खरीदने की सोच रहे हैं, 50% की छूट के साथ आया सुनहरा ऑफर

संचालन और निगरानी

बर्तन बैंक का संचालन राजीविका के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। चयन प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगी और निगरानी की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत एवं जिला प्रशासन की होगी।

प्लास्टिक मुक्त समाज की ओर

इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक की निर्भरता घटेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्याओं से लड़ने में मदद मिलेगी। सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण समाज को स्वच्छ, पर्यावरण-अनुकूल और सशक्त विकल्प मिले। राजस्थान की यह पहल देशभर के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है। यह न केवल पर्यावरण को बचाने का कार्य करेगी, बल्कि सामाजिक एकता और स्थानीय सशक्तिकरण की दिशा में भी नया अध्याय रचेगी।

यह भी पढ़ें: बल्ले-बल्ले : आ गई गुड न्यूज…राजस्थान के 2,73,752 परिवारों को मिलेगी आशियाने की सौगात