
PM Housing Scheme (Patrika Photo)
जयपुर: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत आवास से वंचित परिवारों का घर बनाने का सपना पूरा करने में राजस्थान पूरे देश में अव्वल रहा है। जबकि बिहार दूसरे और असम तीसरे स्थान पर रहे हैं। तमिलनाडु और केरल राज्य निचले पायदान पर रहे हैं।
योजना के तहत साल 2011 में सामाजिक और आर्थिक जनगणना (सेक) के अनुसार, चिह्नित किए पात्र सभी परिवारों के लिए खुद का आवास होने का सपना पूरा किया है। योजना के प्रारंभ के वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक मंत्रालय की ओर राजस्थान को दिए गए 24.41 लाख आवासों के लक्ष्य के विपरित 24.31 लाख (99.6 प्रतिशत) आवासों की स्वीकृतियां जारी की गई। इसमें से अब तक 17.48 लाख आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान राज्य ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत मंत्रालय से प्राप्त 5.06 लाख आवासों के विपरित 4.96 लाख (98.03 प्रतिशत) आवासों के निर्माण की स्वीकृतियां जारी कर दी है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण प्रारंभ की थी। इसके अंतर्गत 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार एवं 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। योजना मद में लाभार्थी के खाते में 120000 की राशि तीन किश्तों में हस्तांतरित की जाती है।
आवास निर्माण के साथ लाभार्थी को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 12 हजार एवं 90 मानव दिवस की अकुशल श्रमिक की मजदूरी बतौर 25,290 रुपए आवास निर्माण समेत कुल 1,57,290 की राशि दी जाती है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय से प्राप्त लक्ष्यों के विपरित वित्तीय वर्ष 2024-25 की सभी स्वीकृतियां जारी करने में राजस्थान अग्रणी रहा है। प्रभावी मॉनीटरिंग से योजना के सभी काम समय पर पूरे कर राज्य को आगे रखने के प्रयास होंगे।
-श्रेया गुहा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, राजस्थान
Published on:
29 Jul 2025 08:17 am
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