मैं अकेली थी तब किया पीडि़ता ने बताया कि महिला कांस्टेबल गीता चली गई और वह अंदर सो रही थी, तभी पुलिसकर्मियों ने बारी-बारी से उससे बलात्कार किया, विरोध करने पर मेरे से मारपीट की थी। हाथों पर और शरीर के अन्य स्थानों पर पट्टे से मारपीट की। जब महिला पुलिस कर्मी गीता लौटी तो उसने पुलिस वालों को डांटा, तब बिना बोले ही पुलिसकर्मी बाहर चले गए। अभी भी हाथ-पैरों में दर्द है। उखाड़े गए नाखूनों के जख्मों मेंं दर्द है। दो महिला डॉक्टर मेडिकल करने आई थी। पूछने पर उन्हें बताया था कि कैसे बुरा काम किया। डॉक्टर कुछ बोले बिना हीं चली गईं।
एफएसएल पर छोड़ी अंतिम रिपोर्ट एसएमएस अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने सामूहिक बलात्कार की शिकार महिला के साथ हकीकत में बलात्कार हुआ या नहीं, यह निर्णय एफएसएल रिपोर्ट पर छोड़ा है। बोर्ड में शामिल डॉक्टरों ने एफएसएल के लिए कुछ नमूने भी लिए हैं।
रिपोर्ट बदलने के लिए माहौल बना रहे पीडि़ता के पति ने आरोप लगाया कि पुलिस और कुछ नेता डॉक्टरों से रिपोर्ट बदलाने के लिए माहौल बना रहे हैं। इससे बाद में रिपोर्ट बदल दी जाए। आरोप लगाया कि जब उसके छोटे भाई की हत्या करने के दो घंटे बाद ईसीजी करवाई जा सकती है, तो पत्नी की रिपोर्ट बदलने में कीतना समय लगेगा।
पुलिस को अभी मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है। गुरुवार को मिलने की संभावना है। अनुसंधान जारी है, रिपोर्ट मिलने के बाद महिला के साथ हुई घटना का पता चलेगा। बीएल सोनी, एडीजी क्राइम, राजस्थान पुलिस
इस मामले में सील बंद रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जा चुकी है। आगे की जानकारी वहीं से मिलेगी। डीएस मीना, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल