डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने बताया कि वर्ष 2017 में 2016 की अपेक्षा हत्या के अपराधों में जिला जयपुर ग्रामीण, झुन्झुनूं, चूरू, जीआरपी अजमेर व जीआरपी जोधपुर में सर्वाधिक 30 प्रतिशत, दुष्कर्म के अपराधों में जिला जयपुर दक्षिण, दौसा, जालोर, बांसवाड़ा व जीआरपी अजमेर में सर्वाधिक 36.47 प्रतिशत, व्यपहरण / अपहरण के अपराधों में जिला जयपुर पश्चिम, दौसा, हनुमानगढ, सिरोही व कोटा शहर में सर्वाधिक 23 प्रतिशत कमी आई है।
वहीं लूट के अपराधों में जिला जयपुर पूर्व, बीकानेर , चूरू, हनुमानगढ, धौलपुर, कोटा ग्रामीण व जीआरपी अजमेर में सर्वाधिक 41 प्रतिशत, नकबजनी के अपराधों में जिला जयपुर पश्चिम, बीकानेर, कोटा शहर व बून्दी में सर्वाधिक 20 प्रतिशत, चोरी के अपराधों जिला टोंक व दौसा में सर्वाधिक 21 प्रतिशत, बलवा के अपराधों में जिला टोंक, जयपुर पश्चिम, झुन्झुनू, सीकर, अलवर, जालोर, बाड़मेर व बून्दी में सर्वाधिक 50 प्रतिशत और कुल आईपीसी के अपराधों में जिला अजमेर, जयपुर पश्चिम, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ व सिरोही आदि क्षेत्रों में सर्वाधिक 11 प्रतिशत व उससे अधिक की कमी आई है।
फरार अपराधियों पर इस तरह कसा शिकंजा राज्य में लंबे समय से फरार चल रहे वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए भी गत वर्ष विशेष प्रयास किए गए। जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 में 10 हजार 85 भगौड़े में से 2 हजार 235 को गिरफ्तार किया गया। घोषित अपराधी वर्ष 2017 में 2 हजार 982 में से 340 घोषित अपराधियों का निस्तारण कराया गया। स्थाई वारंटी वर्ष 2017 में 98 हजार 859 स्थाई वारंटियोंं में से 24 हजार 802 स्थाई वारंटियोंं का निस्तारण कराया गया।
कोर्ट से दर्ज होने वाले मुकदमों में कमी
राज्य में कोर्ट से दर्ज होने वाले 156 (3) के मुकदमों में वर्ष 2017 में वर्ष 2016 की अपेक्षा अपराधों में 19.21 प्रतिशत की कमी रही है।
राज्य में कोर्ट से दर्ज होने वाले 156 (3) के मुकदमों में वर्ष 2017 में वर्ष 2016 की अपेक्षा अपराधों में 19.21 प्रतिशत की कमी रही है।