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राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच आखिर गोविंददेवजी मंदिर क्यों पहुंची वसुंधरा राजे

राजस्थान का सियासी पारा आसमान पर है। सचिन पायलट के खिलाफ विधायक मुखर हो गए हैं और 90 से ज्यादा विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है। ऐसे में अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर भी संशय के बादल छा गए हैं।

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जयपुर

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Umesh Sharma

Sep 26, 2022

राजस्थान का सियासी पारा आसमान पर है। सचिन पायलट के खिलाफ विधायक मुखर हो गए हैं और 90 से ज्यादा विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है। ऐसे में अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर भी संशय के बादल छा गए हैं। उधर विधायकों के विरोध के चलते राजस्थान के अगला सीएम कौन होगा, इस प्रश्न का उत्तर देना भी कठिन नजर आ रहा है। लेकिन इन सबके बीच भाजपा चुपचाप इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता कई संकेत दे रही है। सियासी घटनाक्रम के बीच उनका आज अचानक गोविंददेवजी मंदिर पहुंचना भी चर्चा का विषय रहा।

दरअसल वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम में श्री राधा कृष्ण मंदिर के स्वर्ण शिखर, 11 हजार कलशों की शोभायात्रा व 1008 कुंडीय विष्णुयाग के साथ दशावतार भगवान की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। आज जयपुर के गोविंद देव मंदिर से महंत अच्युतानंद महाराज के सानिध्य में निष्कलंक भगवान के रथ की शोभायात्रा को रवाना करने के कार्यक्रम में शामिल होने राजे गोविंददेवजी मंदिर पहुंची थी। राजे ने मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पूजा की और फिर शोभायात्रा को रवाना किया। राजे ने कहा कि धाम पर 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक विशाल धार्मिक आयोजन होंगे। मेरा सौभाग्य है कि आज इस अवसर पर पूजा अर्चना करने का मौका मिला है।


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उधर राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम को लेकर किए गए सवाल पर वसुंधरा राजे ने चुप्पी साधे रखी। दरअसल दशावतार भगवान की प्रतिमाओं में से 10वें अवतार भगवान श्री निष्कलंक भगवान की प्रतिमा जयपुर के सुलेमान में गुजरात के पाटन स्थित रानी बाग में श्री निष्कलंक भगवान के तर्ज पर तैयार की गई। इस प्रतिमा की विशाल शोभायात्रा आज जयपुर से रवाना की गई है जो साबला तक करीब 700 किलोमीटर 14 धार्मिक स्थलों के 8 दिनों की यात्रा प्रस्तावित है।